Moral Short Stories

भ्रम – Short Hindi Moral Story

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Written by Abhishri vithalani

भ्रम – Short Hindi Moral Story

कभी कभी हमें कुछ चीज़ो का भ्रम होता है । कई बार ऐसा होता है की जो हमें दिखता है वो वास्तव में होता नहीं है और हमें जो दिखता है उसे ही हम सच मान लेते है और उसके आधार पर सारे निर्णय लेते है । ऐसे लिए हुए निर्णय अक्सर गलत ही होते है और बाद में पछताने ले अलावा हमारे पास और कुछ नहीं होता है ।

ये कहानी (भ्रम – Short Hindi Moral Story ) भी कुछ ऐसे भ्रम के बारे में ही है ।

एक दिन एक संत प्रात: काल भ्रमण के हेतु से किसी समुद्र के तट पर पहुंचते है । संत का ध्यान वहा पर एक पुरुष पर गया । वह पुरुष एक स्त्री की गोद में सर रख कर सो रहा था । उस पुरुष के पास में एक शराब की खाली बोतल भी पड़ी हुई थी ।

ये सब देखकर संत ने सोचा की ये पुरुष कितना विलासी और तामसिक है , जो की सुबह सुबह शराब का सेवन कर के एक स्री की गोद में सर रख के प्रेमालाप कर रहा है ।

कुछ देर के बाद उस समुद्र से किसी मनुष्य की चिल्लाने की आवाज आने लगी । वो मनुष्य समुद्र में दुब रहा था उसलिए वो बचाओ बचाओ ऐसे चिल्ला रहा था । उस संत ने ये सब देखा फिर भी वो कुछ नहीं कर पाया क्योकि उसे तैरना नहीं आता था । संत बिना कुछ बोले वही के वही खड़ा रहा और ये सब देखता रहा ।

जो पुरुष एक स्री की गोद में अपना सर रख के सो रहा था वो खड़ा हुआ और उस डूबने वाले मनुष्य को बचाने के लिए पानी में कूद पड़ा । थोड़ी ही देर में तो उस पुरुष ने उस डूबने वाले व्यक्ति को बचा लिया और वो उसे समुद्र के किनारे पे लेकर आ गया ।

अब ये सब नजारा देखने के बाद वो संत विचार में पड़ गया की क्या में इस पुरुष को भला समजू या फिर बुरा ? संत उस पुरुष के पास जाते है और उनसे पूछते है की भाई तुम कौन हो ? यहाँ पर तुम क्या कर रहे हो ?

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उस पुरुष ने जवाब दिया की में एक मछुआरा हु , में मछली पकड़ने का काम करता हु । आज कई दिनों के बाद में पात: काल समुद्र से मछली पकड़ने के बाद जल्दी यहाँ पर आराम करने के लिए लोटा हु । मेरी माँ मुझे लेने के लिए आयी है और उसको कोई दूसरा बर्तन न मिलने के कारन वह इस मदिरा की बोतल में पानी भरकर मेरे लिए आयी है ।

में कई दिनों की यात्रा से काफी थक गया था और इस भोर के सुहावने मौसम में ये पानी पी कर अपनी थकान कम करने माँ की गोद में सो गया ।

ये सब सुनकर संत की आखे नम हो जाती है । संत सोच रहा था की मेने जो कुछ भी देखा और उसका अंदाजा लगाया बो सब गलत था , वास्तविकता कुछ और ही थी । उसे अपने आप पर गुस्सा आता है की मेने कैसे किसी के बारे में ऐसा घटिया सोचा ।

इसीलिए हमें किसी भी निर्णय लेने से पहले उसके बारे में सौ बार सोचना चाहिए और अच्छे से सोच समझकर ही फैसला लेना चाहिए । क्योकि कभी कभी हम फालतू के भ्रम में होते है और ऐसे भ्रम में आकर हम गलत फैसला ही कर लेते है ।

Moral : हमें जो जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है ,उसका एक दूसरा पहलु भी हो सकता है पर कभी कभी हम फालतू के भ्रम में आके गलत सोच लेते है ।

अगर आपको हमारी Story ( भ्रम – Short Hindi Moral Story ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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