ईश्वर और राजा – Hindi Short Moral Story
हमें और किसी पर नहीं बल्कि ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए वो देर से जरूर देते है लेकिन बेहतरीन देते है । ये कहानी (ईश्वर और राजा – Hindi Short Moral Story) भी उसी के बारे में है ।
पुराने समय की बात है । एक राजा थे । राजा का नित्यक्रम था की वो हररोज मंदिर में भगवान् के दर्शन करने के लिए जरूर जाते थे । वो हररोज मंदिर जाते थे तब वो देखते थे की मंदिर के बाहर 2 भिखारी दाएं और बाएँ बैठा करते थे ।
उस भिखारी में से जो दाएं तरफ बैठता था वो हररोज कहता था की – है ईश्वर तूने राजा को तो बहुत कुछ दिया है थोड़ा मुझे भी दे दे । बाएं तरफ जो भिखारी बैठता था वो हररोज कहता – ए राजा , ईश्वर ने तुझे बहुत कुछ दिया है , तू थोड़ा मुझे भी दे दे ।
दाई तरफ वाला भिखारी बाई तरफ वाले भिखारी से कहता की तू राजा से नहीं बल्कि ईश्वर से मांग वो सबकी सुनता है । तभी बाई तरफ वाला उसे जवाब देता अरे मुर्ख तू मुझे सलाह मत दे , तू चुप कर ।
एक दिन राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और उनसे कहा की मंदिर में जो भिखारी दाई तरफ बैठता है वो हररोज ईश्वर से मांगता है, इसलिए ईश्वर उसकी बात अवश्य सुनेगे किन्तु जो बाई तरफ बैठता है वो तो मुझसे हररोज मांगता है , तुम ऐसा करो की एक बड़े से बर्तन में खीर भरके उसमे स्वर्ण मुद्रा डाल दो और जो बाई और बैठता है उस भिखारी को दे आओ ।
राजा ने जैसे बताया था मंत्री ने बिलकुल ऐसे ही किया । भिखारी खीर देखकर खुश हो गया और मजे से खाने लगा, वो दाई तरफ के भिखारी को चिढ़ाता हुआ बोला , बड़ा आया ईश्वर देंगे बोलने वाला । ये देख राजा से माँगा मुझे मिल गया ना ।
खाते – खाते जब उसका पेट भर जाता है तब वो जो दूसरा दाई तरफ बैठा भिखारी था उसे बची हुई खीर का बर्तन दे देता है और कहता है ले पकड़ उसे और तू भी थोड़ा खा ले ।
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अगले दिन राजा जब मंदिर में दर्शन करने के लिए आये तब उन्होंने देखा की बाई तरफ वाला भिखारी आज भी वैसे ही बैठा था लेकिन दाई तरफ वाला भिखारी गायब हो गया था ।
राजा ने बाई तरफ वाले भिखारी से पूछा क्या हुआ तुझे खीर का बर्तन नहीं मिला ? भिखारी ने कहा जी राजाजी मुझे मिला था और खीर भी बहुत स्वादिष्ट थी , मेने खूब पेट भरकर खायी उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
राजा ने पूछा फिर ? फिर क्या हुआ ? तभी भिखारी ने कहा की फिर जब मेरा पेट भर गया तब मेने वो बची हुई खीर यहाँ पे जो दूसरा भिखारी बैठता है ना उसे खाने के लिए दे दी , वो मुर्ख हमेंशा कहता रहता है की ईश्वर देंगे , ईश्वर देंगे ।
तभी राजा मुस्कुराके बोले अवश्य , ईश्वर ने उसे दे ही दिया ।
Moral : हमें किसी और पर नहीं किन्तु सिर्फ ईश्वर पर ही भरोसा रखना चाहिए । वो देर से देते है पर बेहतरीन देते है । हमारे नसीब में जो लिखा होता है वो हमें मिलता ही है ।
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