मेहनत का फल – Short Moral Story In Hindi
सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । बिना मेहनत के कभी भी सफलता नहीं मिलती है । ये कहानी (मेहनत का फल – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है ।
एक गाँव में राज और मनोज नाम के दो मित्र रहते थे । राज भगवान् को बहुत मानता था और वो बहुत धार्मिक था । मनोज मेहनत करने पर भरोसा रखता था । वो बहुत मेहनतु था ।
एक दिन दोनों ने मिलकर सोचा की हम दोनों मिलकर एक बीघा जमीन खरीदते है और उस जमीन में फ़सल ऊगा कर मुनाफा कमाते है । दोनों ने आपस में बात – चित की और कुछ ही समय में एक बीघा जमीन खरीद ली ।
मनोज तो खेत में बहुत मेहनत करता था किन्तु राज कुछ भी काम नहीं करता था और वो हरवक्त मंदिर में बैठा रहता था । राज मंदिर में बैठकर भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करता था ।
इस तरह समय बीतता रहा , मनोज बहुत महेनत करता रहा और राज बिना कुछ काम किये मंदिर में बैठकर भगवान् से प्राथना करता रहा । एक दिन खेत की फसल पक कर तैयार हो गयी ।
राज और मनोज दोनों ने बाजार में जाकर इसे बेच दिया और उन दोनों को इसके अच्छे पैसे भी मिले । घर वापिस लौटते समय मनोज ने राज से कहा की इस पैसो में से ज्यादा हिस्सा मुझे मिलेगा क्योकि मेने ज्यादा मेहनत की है ।
मनोज की बात सुनकर राज बोलने लगा की नहीं इस पैसो में से तो मुझे ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए क्योकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की तभी हमको अच्छी फ़सल हुई ।
किसको ज्यादा हिस्सा मिलेगा ? इस बात को लेकर अब दोनों के बिच में लड़ाई शुरू हो गयी । अब दोनों इस पैसो के बॅटवारे के लिए गाँव के सरपंच के पास पहुंचते है ।
गाँव के सरपंच ने दोनों की पूरी बात सुनी और दोनों को एक – एक बोरी गेहू दिए जिसमे कंकड़ मिले हुए थे । सरपंच ने कहा कल सुबह तक तुम दोनों को इसमें से गेहू और कंकड़ अलग करके लाने है तभी में निर्णय करूँगा की इस पैसो में से ज्यादा हिस्सा किसको मिलना चाहिए ।
दोनों गेहू की बोरी लेकर अपने – अपने घर चले जाते है । मनोज ने पूरी रात जागकर गेहू और कंकड़ को अलग किया वहा दूसरी तरफ राज गेहू की बोरी लेकर मंदिर में गया और भगवान से गेहू और कंकड़ अलग करने की प्रार्थना करने लगा ।
अगले दिन सुबह मनोज अलग किये हुए गेहू और कंकड़ को लेकर गाँव के सरपंच के पास पंहुचा । सरपंच मनोज के इस काम से बहुत खुश होते है । राज वैसी की वैसी गेहू की बोरी लेकर सरपंच के पास पहुँचता है ।
सरपंच ने राज से कहा की दिखाओ तुमने कितने गेहू साफ़ किये है । राज ने कहा मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है की सारे गेहू साफ़ हो गए होंगे । सरपंच ने जब राज की बोरी खोली तो गेहू और कंकड़ वैसे के वैसे ही थे ।
राज गेहू की बोरी वैसी की वैसी देखकर हैरान हो जाता है । सरपंच राज को समजाते हुए कहते है की भगवान् भी उसी की मदद करते है जो मेहनत करता हो । सरपंच ने पैसो का ज्याद हिस्सा मनोज को दे दिया ।
इस घटना के बाद राज भी मनोज की तरह खेत में मेहनत करने लगा और दूसरी बार उनकी फ़सल पहले से भी अच्छी हुई ।
Moral : हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए क्योकि भगवान् भी उसी की मदद करते है जो मेहनत करता हो । हमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए ।
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