गलत सलाहकार – Short Moral Story In Hindi
जरूरी नहीं है कि ज्ञानवान पढ़ा – लिखा व्यक्ति ही हमेशा सही निर्णय लें। आइए, इस कहानी(गलत सलाहकार – Short Moral Story In Hindi) के माध्यम से इस विचार को समझते हैं।
एक समय की बात है, एक गांव में एक आदमी था जो सड़क के किनारे समोसे बेचता था। वह विशेष शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाया था, इसलिए उसे अखबार पढ़ने की आदत नहीं थी, रेडियो नहीं सुनता था और उसकी आँखों की कमजोरी की वजह से वह कभी टेलीविजन भी नहीं देख पाता था।
फिर भी, उसने समोसों की दुकान खोली और उसका व्यापार दिन पर दिन बढ़ता गया। उसने मेहनत की और नए उद्यमों की तरफ कदम बढ़ाए। उसने और आलू खरीदने शुरू किए, और बेहतरीन चूल्हा खरीदकर उपग्रेड किया। व्यापार बढ़ता रहा और तब ही उसके बेटे ने बीकॉम की डिग्री हासिल की और उसने पिताजी की मदद करने का निश्चय किया।
एक दिन, बेटे ने अपने पिताजी से सवाल पूछा, “पिताजी, क्या आपको यह मालूम है कि हम एक बड़ी मंदी के समय में हैं?” पिताजी ने उससे कहा, “नहीं, पर मुझे तुम्हारी राय जाननी है।”
बेटे ने विवरण सहित बताया, “वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियाँ बहुत कठिन हैं और घरेलू हालात भी अच्छे नहीं हैं। हमें आने वाले समय के लिए तैयार रहना चाहिए।”
पिताजी का अनुभव और ज्ञान तो था, लेकिन वह समझते थे कि उनके शिक्षित बेटे की बात सही हो सकती है। उन्होंने विचार किया और फिर अपने व्यवसाय में बदलाव की ओर कदम बढ़ाया।
उन्होंने आलू की खरीद कम कर दी और अपने दुकान का साइन बोर्ड नीचे उतार दिया। उसका जोश खत्म हो चुका था। व्यवसाय की गिनती में कमी आई, लेकिन पिताजी थोड़े समय बाद जान पाए कि यह बदलाव उनके लिए सही था।
पिताजी ने बेटे से कहा,तुमने सही सोची थी। हमलोग मंदी के समय में हैं और हमें तैयार रहना चाहिए। मुझे ख़ुशी है कि तुमने वक्त से पहले ही सचेत कर दिया ।
- विनिमय प्रस्ताव – Short Moral Story In Hindi
- आभार – Short Inspirational Story In Hindi
- मूर्ख साधु – Moral Story In Hindi
शिक्षित न होने के बावजूद भी हम अपने अनुभव और बुद्धि के साथ सही निर्णय ले सकते हैं। अगर हम अपने अनुभवों से सीखते हैं और उन्हें उचित तरीके से उपयोग करते हैं, तो हम सफलता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा सकते हैं।पर इस कहानी में एक पिता ने अपने पढ़े – लिखे बेटे की बात मानी और अपने इतने सालो का अनुभव वो भूल गए आखिर में उन्हें ये परिणाम भुगतना पड़ा।
अनुभव का महत्व हमेशा शिक्षा के ज्यादा होता है।
Moral : इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि हमें अपने सलाहकार को सावधानी से चुनना चाहिए, लेकिन अमल हमें अपने ही फैसला पर करना चाहिए।
अगर आपको हमारी Story ( गलत सलाहकार – Short Moral Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।