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मीठी सजा – Short Akbar Birbal Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

मीठी सजा – Short Akbar Birbal Story In Hindi

अकबर और बीरबल की इस कहानी(मीठी सजा – Short Akbar Birbal Story In Hindi) में बीरबल एक मीठी सजा दिलवाता है , ये सजा क्या है वो जानने के लिए आपको पड़नी पड़ेगी ये कहानी।

एक दिन बादशाह अकबर दरबार में आकर अपने सिंहासन पर बैठे। उनकी आँखों में जगमगाते हुए आकार्षण था, और उन्होंने दरबारियों से पूछा, “आज मेरे सामने एक मामूली घटना आई है। एक व्यक्ति ने मेरी दाढ़ी खींची है। बताओ, मुझे उसे किस प्रकार की सजा देनी चाहिए?”

इस सवाल के सामने दरबार में हाजिर सभी लोग सोचने लगे कि उस व्यक्ति को कैसे सजा दी जाए। एक समय बाद, एक दरबारी ने उचित तरीके से कहा, “महाराज, उस व्यक्ति का सिर उड़ा देना चाहिए, ताकि वह सबक सिखे।”

दूसरा दरबारी उचित सजा के बारे में कहने लगा, “महाराज, कौन है वो दुष्ट व्यक्ति जिसने यह कृत्य किया है? उसको तो उसके दुष्ट कामों का परिणाम भुगतना चाहिए, उसका सिर तो उड़ जाने से कोई फायदा नहीं।”

फिर एक दरबारी ने उचित सजा की सुझाव दी, “महाराज, हमें उसे हाथी के पैरों तले रौंद देना चाहिए, ताकि उसे दुख पहुंचे और वह अपने कर्मों का परिणाम भुगत सके।”

दरबार में सभी अपने-अपने विचारों को प्रकट करने लगे, और यहाँ तक कि बादशाह भी उनके सुझावों की ओर ध्यान देने लगे। आखिर में उन्होंने बीरबल से पूछा, “बीरबल, तुम क्यों चुप हो?”

इस पर बीरबल ने एक प्रसन्नता से कहा, “महाराज, मुझे लगता है कि हमें उस व्यक्ति के साथ दया और मामूली विचारशीलता से पेश आना चाहिए। उसके अपराध की सजा के रूप में हमें उसे मिठाई देनी चाहिए। वह आपके आदरणीय मुख्य व्यक्ति का आदर करने की यह ख्वाहिश रखता होगा।”

बादशाह ने बीरबल के विचार को सुनकर खुशी महसूस की और उनकी सलाह को मानते हुए कहा, “बीरबल, तुम्हारी बात ठीक है। अब यह बताओ, कि मेरी दाढ़ी किसने खींची होगी?”

बीरबल ने कहा, “महाराज, उस व्यक्ति के अलावा कोई और ऐसा दिलचस्प हो सकता है जो ऐसा कर सकता है। छोटे शहजादा हमारे महाराज की दाढ़ी खींचने की हिम्मत रख सकते हैं।”

बीरबल के उत्तर से बादशाह की खुशी बढ़ गई और सभी दरबारी अपनी गलतियों को समझने की महत्वपूर्णता समझते हुए दरबार से बाहर चले गए।

चतुर बीरबल के उत्तर से बादशाह खुश हो गए और सारे दरबारी लज्जित हो गए।

इस घटना से सिख मिलती है कि किसी को सजा देने से पहले उसकी समझदारी और दयालुता का भी ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि समय-समय पर यही सबसे उचित होता है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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