गाय की पहचान – Akbar Birbal Hindi Story
अकबर और बीरबल की इस कहानी (गाय की पहचान – Akbar Birbal Hindi Story) में गाय का असली मालिक कौन है वो बीरबल पता लगाते है।
एक बार एक गाय चराने वाला ग्वाला अपनी गाय को लेकर अपने घर की ओर लौट रहा था। उसकी आवश्यकता और साथ ही देखभाल उसकी प्राथमिकता थी।
वह जंगली मार्ग पर चल रहा था कि अचानक उसकी आँखों के सामने एक डरावना चेहरा आया। एक ठग, दुश्चरित्र और खतरनाक दिखने वाला, उसकी गाय के पीछे छिपा हुआ था। जब ग्वाला ने उसे देखा, तो वह उसके बिलकुल पास आ गया और उसे डरा-धमकाकर उसकी गाय को उसके हाथों से छीन लिया।
ग्वाल विरामपूर्वक खड़ा हो गया, दुखी और बेहोश होने के बाद उसने अपनी गाय छिनी हुई देखी। उसका दिल टूट गया, और वह सोचने लगा कि क्यों उसने ऐसा किया और उसकी गाय को छीन लिया।
ग्वाला का दुःख सबको सुनाई देता था, और उसके दर्द को समझकर वह अपनी फरियाद लेकर बीरबल के पास चला गया। उसने बीरबल से अपने दुःख की कहानी सुनाई, कैसे उसकी गाय उस ठग द्वारा छीन ली गई। वह बीरबल से न्याय पाने के लिए उसकी सहायता मांगने आया था।
बीरबल ने ग्वाल की कथा सुनी और उसके आवश्यकताओं को समझा। बीरबल ने मिस्त्री ठग को गाय के साथ बुलाने का आदेश दिया और जल्द ही ठग बीरबल के सामने पहुँच गया। बीरबल ने दोनों से पूछा, सच-सच बताओं कि यह गाय किसकी है ?
बीरबल ने फिर कहा , चलो तुम दोनों ये कह रहे हो की ये गाय तुम्हारी है तो फिर तुम्हे उसका नाम भी पता होगा न।
तुम दोनों बारी-बारी से मेरे पास आओ और मेरे कान में गाय का नाम बताओ। इसके बाद मैं तुम्हारा न्याय करूंगा।
दोनों ने बीरबल के कान में गाय का नाम बताया। बीरबल ने सबसे पहले ठग से कहा, तुमने मुझे गाय का जो नाम बताया है, अब उस नाम से पुकारकर गाय को अपने पास बुलाओ।
ठग ने गाय का नाम लेकर पुकारा। गाय अपनी जगह खड़ी रही। अब ग्वाल की बारी आई। उसने प्यार से गाय को पुकारा कपिला इधर आओ।
अपना नाम सुनकर गाय ग्वाल के पास दौड़कर आ गई। ग्वाल ने प्यार से उसके शरीर पर हाथ फेरा और उसे पुचकारने लगा।
बीरबल ने ठग से कहा, ये गाय ग्वाल की है। तुमने इसको डरा-धमकाकर इसकी गाय छीन ली थी। तू झूठ बोलते हो।
बीरबल की बात सुनकर ठग घबरा गया और उनके पैर पकड़कर माफ़ी मांगने लगा। बीरबल ने उसे पचास कोड़े मरने की सजा सुनाई और गाय ग्वाल को सौंप दी।
बीरबल की न्यायनीति से समझ में आया कि गलती की सजा देने से पहले सच्चाई की परीक्षा करना महत्वपूर्ण है। वह न केवल दोनों पक्षों को सही मार्ग पर लाया, बल्कि वह दिखाया कि कैसे योग्यता और सजागता के साथ समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप ग्वाल की गाय उसके पास वापस आई और न्याय की विजय हुई।
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