रज़ाई – Very Short Akbar Birbal Story In Hindi
अकबर और बीरबल की इस कहानी (रज़ाई – Very Short Akbar Birbal Story In Hindi) में बादशाह अकबर अपने शाही सलाहकार के पद के लिए योग्य व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए एक परीक्षा आयोजित करते है। उस परीक्षा में कौन विजेता होता है और क्या होता है ये जानने के लिए आपको पढ़नी पड़ेगी ये कहानी।
बहुत से दरबारी अकबर के शाही सलाहकार का पद प्राप्त करना चाहते थे।
बादशाह ने यह निर्णय लिया कि उस पद के लिए एक परीक्षा आयोजित की जाएगी और जो भी उस परीक्षा में सफलता प्राप्त करेगा, उसे ही वह पद प्रदान किया जाएगा।
अपनी योजना के अनुसार अकबर अपनी रजाई लेकर अपने बिस्तर पर लेट गए। उन्होंने सभी दरबारीयों को चुनौती दी कि वे उनकी रजाई से सिर से पैर तक को ढक दें।
एक-एक करके सभी दरबारीयों ने प्रयास किया, लेकिन सबका प्रयास विफल रहा। अगर कोई व्यक्ति सिर को ढकता, तो पैर बिना आवरण के रह जाते और यदि पैरों को ढकता, तो सिर अनावरण हो जाता।
कुछ लोगों ने रजाई को खींचकर ढकने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिशें व्यर्थ रहीं।
इसी बीच, बीरबल पहुँचे। बादशाह ने उनसे पूछा कि क्या वह इस कठिन परीक्षा का समाधान निकाल सकते हैं? बीरबल ने बादशाह की रजाई और खुद को उस बिस्तर पर लेटते हुए देखा।
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“जहांपनाह, क्या आप अपने घुटने मोड़ सकते हैं ?” बादशाह ने अपने घुटनों को मोड़ दिया, तो बीरबल ने उनकी रजाई को ढक दिया।
जब दरबारीयों ने देखा कि उनके परीक्षा में उन्नति नहीं हो सकी, तो वे चुपचाप वहाँ से चले गए।
कभी कभी एक दृढ़ दिमाग वाला व्यक्ति अपने आसपास उपलब्ध स्रोतों का उत्तम उपयोग करने में सक्षम नहीं होता। जब दिमाग का सही उपयोग करके हम सही तरीके सोचने लगते है तो फिर समस्या सुलझाना आसान हो जाता है।
किसी भी पद के लिए किसी व्यक्ति व उस पद की जरूरत व प्रकृति के बीच का सही तालमेल होना बहुत जरूरी होता है।
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