Moral Short Stories

सुख और दुःख – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

सुख और दुःख – Short Moral Story In Hindi

जीवन का असली सुख पैसो से नहीं बल्कि आपसी प्यार से मिलता है। ये कहानी (सुख और दुःख – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है।

एक खरगोश अपने सामान को बटोरकर आराम से जा रहा था। उसका चेहरा खुशियों से रंगतदार था। वह अपने नए घर की ओर बढ़ रहा था, जो कि उसने हाल ही में खरीदा था। रास्ते में, एक हिरन उसके पास आया। हिरन ने खरगोश की ओर बढ़कर प्यार से मुस्कराते हुए कहा, “क्या बात है, खरगोश मियाँ! तुम्हारी आँखों में खुशी की चमक दिख रही है।”

खरगोश ने खुशी से हिरन की ओर देखा और उससे कहा, “जी हाँ, मेरी शादी हो गई है।” हिरन ने चिढ़कर कहा, “अच्छा, बड़े खुश नजर आ रहे हो।”

“शायद नहीं,” खरगोश ने उत्साहित भाव में कहा, “क्योंकि मेरी शादी एक बहुत ही घमंडी खरगोशनी से हुई है।” हिरन ने चिंतित होकर पूछा, “कैसे?”

“उसने मुझसे बड़ा घर, ढेर सारे पैसे, और शानदार कपड़े माँगे,” खरगोश ने दुखी अंदाज में कहा, “जो मेरे पास नहीं थे।”

हिरन ने सहानुभूति से कहा, “बड़े दुख की बात है, मित्र।” शायद नहीं, खरगोश ने आत्मविश्वास से कहा, “क्योंकि मैं उसे बेहद चाहता हूँ। इसलिए मैं खुश हूँ कि वह मेरे साथ है।”

हिरन ने हैरानी से पूछा, “कैसे?” ,क्योंकि उसके साथ होने से मेरी जिन्दगी में खुशियाँ बढ़ गई हैं, खरगोश ने आश्चर्यजनक तरीके से कहा, “वह मेरे साथ है, यही काफी है।”

हिरन ने अद्भुतता से कहा, “वाह, बड़े भाग्यशाली हो भाई!”,शायद नहीं, भैया, खरगोश ने विचारपूर्ण तरीके से कहा, “क्योंकि शादी के अगले ही दिन मेरे घर में आग लग गई।”

हिरन ने आश्चर्य और सहानुभूति से आवाज मिलाई, “अरे रे!” ,नहीं खरगोश ने धीरे से कहा, “क्योंकि मैंने अपना सामान बाहर निकाल कर उसे आग से बचाया।”

हिरन ने आश्चर्य और प्रशंसा से भरपूर आवाज में कहा, बड़े भाग्यशाली हो भाई! नहीं भाई, शायद नहीं,खरगोश ने गम्भीरता से कहा, “क्योंकि जब आग लगी तो मेरी पत्नी अंदर सो रही थी।”

हिरन ने दुखभरी आवाज में कहा, “बड़े दुःख की बात है, भाई।”, नहीं खरगोश ने आत्मसमर्पण भरी आवाज में कहा, “नहीं, नहीं बिल्कुल नहीं। क्योंकि मैंने आग में कूदकर अपनी पत्नी को सही-सलामत बाहर निकाल लिया।”

खरगोश ने आत्म-समर्पण और प्रेम की मिसाल दी। “और जानते हो, सबसे अच्छी बात क्या हुई? इस घटना से मैंने यह सिखा है कि सबसे प्यारी चीज़ ज़िन्दगी है। पैसा, घर, और कपड़े तो हों या न हों, लेकिन आपसी प्यार होना बहुत ज़रूरी है!”

हिरन ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने सही कहा, खरगोश मित्र। तुम्हारी यह घटना हमें यह सिखाती है कि जीवन की महत्वपूर्ण बातें सिर्फ सामग्री में नहीं होतीं, बल्कि हमारे आपसी संबंधों में भी होती हैं।”

इस रूपरेखा के माध्यम से, हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य और खुशियाँ आपसी संबंधों में छिपी होती हैं।

Moral : जीवन का असली सुख पैसो से नहीं बल्कि आपसी प्यार से मिलता है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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