अकबर और गुलदस्ता – Akbar Birbal Short Story In Hindi
अकबर और बीरबल की इस कहानी(अकबर और गुलदस्ता – Akbar Birbal Short Story In Hindi) में बीरबल अपनी चालाकी से बादशाह अकबर को निरुत्तर कर देते है।
एक दिन की बात है, सम्राट अकबर अपने मंत्रियों के साथ अपने शाही बगीचे में टहल रहे थे। बगीचे में खिले हुए फूलों की खूबसूरती की प्रशंसा कर रहे थे उनके मंत्रियाँ।
जैसे ही सम्राट एक बेहद सुंदर फूल की ओर इशारा करके उसकी सुंदरता की प्रशंसा करने के लिए रुके, एक मंत्री ने उसकी तारीफ की, “वाह! क्या सुंदर फूल है! मनुष्य, किसी भी कला से ऐसा रूप नहीं बना सकता।”
बीरबल भी वहाँ मौजूद थे। उन्होंने हंसते हुए कहा, “नहीं, महाराज, आप गलत हैं। मनुष्य की खुदाई से अधिक सुंदर चीज़ें भी बन सकती हैं।” इस पर अकबर ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, “नहीं बीरबल, मैं तुमसे इसमें सहमत नहीं हूँ।”
कुछ दिनों बाद, बीरबल ने एक कुशल कारीगर को एक सुंदर संगमरमर के फूलों से भरा गुलदस्ता बनाने का काम सौंपा। उस कारीगर ने मेहनत से गुलदस्ता बनाया और समाप्त होते ही सम्राट के सामने पेश किया। बीरबल भी मौजूद थे। संगमरमर के फूलों से भरे गुलदस्ते की सुंदरता की प्रशंसा करते हुए, सम्राट ने उस कारीगर को सौ सोने के सिक्के दिए।
- व्यस्तता के बिच हास्य – Akbar Birbal Story In Hindi
- इजाजत और समर्पण – Short Moral Story In Hindi
- मुक्ति – Short Inspirational Story In Hindi
अगले दिन, एक छोटे लड़के ने एक अनोखे सुंदर असली फूलों से भरे गुलदस्ते को दरबार में प्रस्तुत किया। उस लड़के ने वही सुंदर गुलदस्ता अकबर को सौंपा। सम्राट ने फिर से गुलदस्ते की महिमा की प्रशंसा की, और उस छोटे लड़के को सौ चांदी के सिक्के दिए।
बीरबल ने इस पूरे मामले को देखा और समझ गए कि अकबर ने उनके जवाब का उत्तर नहीं दिया है। इस पर वे उठे, अकबर की ओर प्रणाम किया, और धीरे से बोले, “हुजूर, आपने संगमरमर की नक्काशी के लिए सोने का सिक्का और असली फूलों से भरे गुलदस्ते के लिए चांदी का सिक्का दिया था। इसके अनुसार, असली फूलों की तुलना में संगमरमर की नक्काशी थोड़ी कम सुंदर थी।”
अकबर के पास इस मजेदार उत्तर का कोई जवाब नहीं था और वह हंस पड़े। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सभी चीजें अपनी अपनी सुंदरता में उपलब्ध होती हैं, और समय-समय पर हमें उनकी सच्ची महत्वपूर्णता को समझना आवश्यक होता है।
अगर आपको हमारी Story (अकबर और गुलदस्ता – Akbar Birbal Short Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी।