Moral Motivational Short Stories

बुद्धि की जीत – Short Motivational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

बुद्धि की जीत – Short Motivational Story In Hindi

बुद्धि का उपयोग करके हम जीत सकते हैं, चाहे हमारे पास शारीरिक बल हो या न हो। इस कहानी (बुद्धि की जीत – Short Motivational Story In Hindi) में यही बताया गया है।

एक गाँव में कुश्ती का आयोजन हुआ था। सभी बड़े पहलवान विभिन्न गाँवों से आए थे, और सबके पास विशेष कौशल था। इन पहलवानों में सबसे बलवान थे रामु, जिन्होंने आज तक किसी कुश्ती में हार नहीं मानी थी।

कुश्ती का प्रोग्राम आरंभ हो गया, और हर पहलवान के बीच मुकाबला हुआ। कुश्ती के आखिरी चरण में, सभी को रामु के साथ मुकाबला करना होता था, और यह रामु के खिलाफ़ कठिनी चुनौती थी।

आखिरकार, कुश्ती प्रतियोगिता का विजेता केवल रामु ही रहा।

गाँव के सरपंच ने रामु का हाथ ऊपर किया और उन्हें विजेता घोषित किया, और इनाम के रूप में पांच लाख रुपये दिए।

रामु ने भीड़ में बोला, “क्या इस भीड़ में कोई है जो मेरे साथ मुकाबला कर सकता है? अगर कोई मुझे हरा देता है, तो उसे पांच लाख रुपये मिलेंगे, और अगर मैं जीतता हूँ, तो वह मुझे एक लाख रुपये देने के लिए तैयार रहे। क्या किसी को इस चुनौती को स्वीकार करने का विचार है?”

भीड़ के सभी युवाओं ने आपस में नजर मिलाई, लेकिन किसी ने भी साहस नहीं दिखाया। रामु हंसने लगे, देखकर कि कोई भी उनकी चुनौती को स्वीकार नहीं कर रहा है।

इस समय, एक पतले और दुर्बल आदमी ने बड़े ही निर्भर भाषा में घुसपैठ किया, “मुझे आपसे कुश्ती लड़नी है।”

दोनों पहलवान मैदान में पहुँचे, और सभी लोग उनके लिए तालियां बजाने लगे। किसी ने उनका नाम तक नहीं लिया।

संजू और रामु के बीच कुश्ती शुरू हुई। संजू ने कुछ इस तरह से खेला कि वह रामु के हमलों से बचते रहे और स्वयं को सुरक्षित रखते रहे। सभी लोग संजू की दमदार खेल की मुरादी कर रहे थे।

कुश्ती का अंत करीब आया, और अब संजू को लग रहा था कि वह कुछ ग़लती कर गए हैं। लेकिन वह यह भी जानता था कि अगर वह हार गए, तो उन्हें एक लाख रुपये देने होंगे।

संजू ने अपनी चालों को ताजगी से बदला और रामु को पकड़ लिया और उसे पीछे की ओर धकेल दिया। रामु के जबरदस्त हमलों के बावजूद, संजू ने उन्हें मजबूती से पकड़ा और रामु को खूब तरह से दम घुटने के बीच में लगा दिया।

भीड़ अब उन्हें संजू -संजू करने लगी, और रामु ने होश खो दिया, लेकिन किसी तरह वह खड़ा रहा। फिर एक बार संजू ने चालकी से रामु की टांगों को खींचा और उसे पूरी तरह से असमर्थ कर दिया। रामु गिर पड़े और फिर न उठ सके।

सरपंच ने संजू का हाथ ऊपर उठाया और उन्हें विजेता घोषित किया। शर्त के अनुसार, संजू ने पांच लाख जीत लिये।

Moral : इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि बुद्धि का उपयोग करके हम जीत सकते हैं, चाहे हमारे पास शारीरिक बल हो या न हो।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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