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Believe और Trust का अंतर – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

Believe और Trust का अंतर – Short Story In Hindi

Believe और Trust में क्या अंतर है? क्या अब जानते हो? अगर हां तो मुझे Comment में बताइये और अगर आप नहीं जानते तो ये कहानी (Believe और Trust का अंतर – Short Story In Hindi) आपके लिए ही है।

एक बार दो बहुमंजिली इमारतों के बिच बंधी हुई एक तार पर लंबा सा बांस पकडे एक कलाकार चल रहा था। उसने अपने कंधे पर अपना बेटा बैठा रखा था। सैकड़ो, हजारो लोग उस कलाकार को देख रहे थे। सधे कदमो से तेज हवा से जूझते हुए अपनी और अपने बेटे की जिंदगी दाव पर लगाकर उस कलाकार ने दुरी पूरी कर ली।

सभी लोग तालिया और सीटिया बजाने लगे, लोग उस कलाकार की फोटो खींच रहे थे। उसके साथ सेल्फी ले रहे थे। वह कलाकार माइक लेकर आया और उसने भीड़ से पूछा की क्या आपको लगता है की में ये दुबारा कर सकता हु? क्या आप लोगो को मेरे पर विश्वास है की में ये काम दुबारा कर पाउँगा?

भीड़ चिल्लाई हां , जरूर! क्यों नहीं , तुम ये दूसरी बार भी कर सकते हो। उस कलाकार ने पूछा क्या आपको मेरे पर विश्वास है की में ये काम दुबारा कर सकता हु? भीड़ फिर से चिल्लाई हां तुम कर सकते हो, हमें तुम्हारे ऊपर पूरा विश्वास है , हम लोग तो तुमपे शर्त भी लगवा सकते है। तुम दुबारा जरूर कर सकते हो।

कलाकार बोला अच्छा ठीक है ,आप सभी में से कोई मुझे अपना बच्चा दे दीजिये। में उसे अपने कंधे पर बिठा के रस्सी पर चलुगा। भीड़ में ख़ामोशी , शांति और चुप्पी फेल गयी।

तभी कलाकार बोला , क्या आप सभी डर गए? अभी तो आप सभी ने कहा था की में कर सकता हु , तो फिर अब क्या हुआ? फिर कलाकार ने मौजूद सभी दर्शकों से कहा की असल में आपका ये Believe है की में अपने बेटे के साथ कर सकता हु और आप लोगो को Trust नहीं है की में ये आपके बेटे के साथ कर सकता हु। यही तो फर्क है Believe और Trust में।

में उम्मीद करती हु की इस कहानी के माध्यम से आप सभी को भी Believe और Trust का अंतर अब अच्छे से समज में आ गया होगा।

अगर आपको हमारी Story (Believe और Trust का अंतर – Short Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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