मिस्त्री बना सेठ! – Short Story In Hindi
मनुष्य अपना स्वास्थ्य ख़राब करके पैसा कमाता है फिर उसी पैसे को खर्च करके स्वास्थ्य वापस लाना चाहता है जो की आता नहीं है। ये कहानी (मिस्त्री बना सेठ! – Short Story In Hindi) में भी कुछ ऐसा ही होता है।
एक छोटा सा शहर था। उस शहर में कारो की मरम्मत का काम होता है और वहा पर एक मिस्त्री काम करता था। वह मोटरों की मरम्मत करने वाले एक गैरेज में नौकर था। वह मिस्त्री गर्मी की मौसम में दोपहर में काम से थककर जमीन पर सो जाता था।
वह मिस्त्री जी भर खाना खाता था, जी भर के सोता था और काम भी वह जी भर के करता था। वह इतना तंदुरस्त था की शहर के लोग उसका स्वास्थ्य देख के ईर्ष्या करते थे।
फिर वह मिस्त्री मुंबई चला गया। शहर के कुछ लोगो ने उसके दोस्तों से पूछा की अब वह मिस्त्री कहा चला गया? तो उसके दोस्तों ने बताया की अब वह मुंबई चला गया है और एक बड़ा आदमी बन गया है।
कुछ सालो के बाद वह मिस्त्री लौटकर अपने शहर में वापस आया तो वह शहर के कुछ लोगो से मिलने आया। बड़ी गाडी में बैठकर सूट – बूट पहने वह शहर में घूम रहा था। शहर के लोगो ने तो पहले उसे पहचाना भी नहीं ।
फिर ध्यान से देखा तो समज में आया की ये तो वही मिस्त्री है। शहर के लोगो में से किसी ने पूछा की तू वही मिस्त्री है जो मोटरों की मरम्मत करता था? वह बोला जी हु तो वही, पर अब मुझे मिस्त्री कोई नहीं कहता। सभी मुझे सेठजी कहते है।
शहर के लोगो ने फिर उससे पूछा की लेकिन तूने अपने स्वास्थ्य को क्या कर लिया? लाल के स्थान पर पीला चेहरा, भीतर चली गयी आँखे और झुरिया। इतना जल्दी तू बुढ्ढा कैसे हो गया?
वह बोला क्या बताऊ में आपको। मुंबई जाकर मेने कई व्यापार किये, लाखो रूपये कमाए। अब मेरे पास अपनी चार कारे है। अपने खुद के दो मकान है। मुझे अब सभी प्रकार का आराम है।
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किन्तु अब मुझे रबर के नर्म गद्दों पर भी नींद नहीं आती है। दवाई खाकर थोड़ी देर सोता हु अगर नींद आए तो नहीं तो नहीं सोता हु। कई साल बीत गए और मेरी भूख मर गयी और नींद भी उड़ गयी।
शहर के लोग ये सब सुनकर हैरान रह गए। वह बोले क्या अब तुजे भी नींद नहीं आती जो जलती दोपहर में नंगी जमीन पर सो जाता था? क्या सच में तुजे भी भूख नहीं लगती जो कितनी सारी सुखी रोटियां आचार के साथ खा जाता था? वह मिस्त्री बोला वह युग अब मेरे लिए एक सपना बन गया है। तब में निर्धन था और अब में धनी हु।
आदमी अपना स्वास्थ्य ख़राब करके पैसा कमाता है फिर उसी पैसे को खर्च करके स्वास्थ्य वापस लाना चाहता है जो की वास्तव में आता नहीं है।
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