Short Stories

आशीर्वाद – Very Short Story In Hindi

aasheervaad-very-short-story-in-hindi
Written by Abhishri vithalani

आशीर्वाद – Very Short Story In Hindi

विजयी होने के लिए डर का होना बहुत ही ज्यादा जरुरी है क्योकि यह हमें सचेत रहना सिखाता है। यदि हमारे शत्रु जीवित रहेंगे तो हमारे में भी बल , बुद्धि , पराक्रम और सावधानी बनी रहेगी। सावधानी तभी बनी रह सकती है, जब शत्रु का भय हो, शत्रु का भय होने पर ही होशियारी आती है। ये कहानी (आशीर्वाद – Very Short Story In Hindi) भी उसी के बारे में है।

एक बार एक राजा के दरबार में राजकवि ने प्रवेश किया। राजा ने उन्हें प्रणाम करते हुए उनका स्वागत किया। राजकवि ने राजा को आशीर्वाद देते हुए उनसे कहा की आपके शत्रु चिरंजीव हो। इतना सुनते ही पूरी सभा दंग रह गयी।

यह विचित्र सा आशीर्वाद सुनकर राजा भी राजकवि से नाराज हो गए, किन्तु उन्होंने अपने क्रोध पर नियंत्रण कर लिया। राजकवि को भी इस बात का अहसास हो गया की राजा उनकी बात सुनकर नाराज हो गए है। उन्होंने तुरंत कहा महाराज हमें क्षमा करे। मेने आपको आशीर्वाद दिया पर आपने लिया नहीं।

राजा ने कहा, कैसे लू में आपका आशीर्वाद, आप तो मेरे शत्रुओ को मंगलकामना दे रहे है। इस पर राजकवि ने समझाया की राजन मेने यह आशीर्वाद देकर आपका हित ही चाहा है।

यदि आपके शत्रु जीवित रहेंगे तो आप में बल , बुद्धि , पराक्रम और सावधानी बनी रहेगी। सावधानी तभी बनी रह सकती है, जब शत्रु का भय हो, शत्रु का भय होने पर ही होशियारी आती है। उसके न रहने पर हम निश्चिंत और लापरवाह हो जाते है।

है राजन ! मैने आपके शत्रुओ की नहीं, आपकी ही मंगल कामना की है। राजकवि के आशीर्वाद का मर्म जानकार राजा संतुष्ट हो गए और उनके आशीर्वाद को स्वीकार कर लिया।

विजयी होने के लिए डर का होना चाहिए यह हमें सचेत रहना सिखाते है।

अगर आपको हमारी Story अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

Leave a Comment