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Panchtantra Stories In Hindi

Written by Abhishri vithalani

Panchtantra Stories In Hindi

पंचतंत्र कहानियाँ हिंदी साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो जीवन के सिख और मोरल विकसित करने में मदद करती हैं। इन कहानियों में जानवरों और मानवों के बीच अद्वितीय संबंधों के माध्यम से अद्वितीय शिक्षाएँ छिपी होती हैं। पंचतंत्र ने विभिन्न रूपों में बहुत सारी भाषाओं में लोगों को मोहित किया है और उन्हें जीवन के अद्वितीयताओं की समझ प्रदान की है। यह कहानियाँ साहित्यिक धरोहर हैं जो अगली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती हैं। इस Post (Panchtantra Stories In Hindi) में हम कुछ ऐसी ही पंचतंत्र की कहानिया देखेंगे।

  • मुर्ख बकरियां – Panchtantra Short Story In Hindi

झगड़ा करने से कभी भी किसी समस्या का हल नहीं निकलता है उससे हमेशां नुकसान ही होता है । ये कहानी ( मुर्ख बकरियां – Panchtantra Short Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।

एक जंगल में दो बकरियां रहा करती थी । वो दोनों बकरिया जंगल के अलग अलग हिस्सों में जाकर घास खाती थीं । जंगल में एक नदी भी थी । उस नदी के बिच में कुछ ज्यादा ही कम चौड़ा पुल था । वो पल इतना छोटा था की उस पर से एक बार में सिर्फ एक ही जानवर गुजर सकता था ।

एक दिन हररोज की तरह ये बकरियां जंगल के अलग अलग हिस्सों में घास खाने जाती है । वापिस आने का समय दोनों का एक ही हो जाता है ।

ये दोनों बकरियां नदी पार करके जंगल के सरे हिस्से में जाना चाहती थीं । ये दोनों बकरिया एक ही समय पे नदी के पल पर थी ।पुल की चौड़ाई कम होने की वजह से दोनों में से सिर्फ एक ही बकरी एक बार में गुजर सकती थी । लेकिन उन दोनों बकरियों में से कोई भी बकरी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थी ।

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पहली बकरी ने कहा , सुनो तुम मेरे बाद ये पुल पर कर लेना , मुझे पहले पार करने दो । दूसरी बकरी ने पहली बकरी को जवाब दिया की , नहीं पहले मुझे पुल पार करने दो, उसके बाद तुम पुल पार कर लेना ।

इतना बोलते बोलते दोनों बकरिया पुल के बिच में जा पहुँचती है । दोनों बकरिया एक – दूसरे की बात से बिलकुल भी सहमत नहीं थी । दोनों के बिच में झगड़ा शुरू हो जाता है । पहली बकरी कहती है की पुल पर पहले में आई थी इसलिए पुल को पहले तो में ही पार करुँगी , तभी दूसरी बकरी बोलती है की नहीं तुमसे पहले में आई थी इसलिए पहले पुल में पार करुँगी ।

झगड़ते – झगड़ते ये दोनों बकरिया ये भूल जाती है की वो दोनों कितने कम चौड़े पुल पर खड़ी हैं । दोनों बकरिया झगड़ते – झगड़ते ही अचानक से नदी में गिर जाती है ।

नदी काफी गहरी थी और उसका बहाव भी तेज था इसलिए वो दोनों बकरियां उस नदी में बहकर मर जाती है ।

Moral : झगड़ा करने से कभी भी किसी समस्या का हल नहीं निकलता है उससे हमेशां नुकसान ही होता है । हमें ऐसी परिस्थिति में झगड़ा न करके शांत दिमाग से ही काम लेना चाहिए ।

  • Short Panchtantra Story In Hindi – एक कुत्ते ने दी शेर को मात

हमें मुश्किल समय में अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए और Hard Work की जगह पर Smart Work करना चाहिए । ये कहानी ( Short Panchtantra Story In Hindi – एक कुत्ते ने दी शेर को मात ) उसी के बारे में है ।

एक दिन एक कुत्ता किसी जंगल में भटक गया था । उसने अपनी ओर शेर को आते हुए देखा । शेर को देखते ही कुत्ते की सांसे रुक सी जाती है । कुत्ते को लगता है की आज तो में काम से गया ।

तभी उसके दिमाग में एक Idea आता है । कुत्ता अपने पास कुछ सुखी हड्डिया पड़ी हुई देखता है । कुत्ता शेर को अपने पास आते हुए देखकर उस सुखी हड्डियों में से एक हड्डी पकड़ लेता है ओर उसे चूसने लगता है ।

कुत्ता सुखी हड्डी चूसते चूसते बोलता है की वाह , शेर को खाने का मजा ही कुछ और है । मुझे अगर एक और शेर मिल जाए तो मेरी तो दावत पूरी हो जायेगी ।

शेर कुत्ते की बात सुनकर सोचने लगा की , अरे ये कुत्त्ता तो शेर का भी शिकार करता है । यहाँ से भागने में ही मेरी भलाई है । वो वहा से जैसे – तैसे करके तुरंत भागने लगता है ।

पेड़ पर बैठा हुआ बंदर ये सब देख रहा था । बंदर सोचता है की ये तो अच्छा मौका है ! में शेर को जाकर सब कुछ सच – सच बता देता हु , ऐसे मेरी शेर के साथ दोस्ती भी हो जाएगी और जंगल में रहना भी आसान हो जायेगा क्योकि अगर मेरी दोस्ती शेर से हो जायेगी तो जिंदगी भर जान का खतरा भी चला जायेगा ।

बंदर इतना सोचकर जल्दी से शेर के पीछे उसे सारा सच बताने भागता है । कुत्ता बंदर को जाते हुए देखता है । उसे समज में आ गया की कुछ तो लोचा है । उधर बंदर सारी कहानी शेर को बता देता है की कुत्ते ने तुम्हे बेवकूफ बनाया ।

शेर जोरो से दहाड़ने लगता है , वो बंदर से कहता है की चल मेरे साथ , में कभी उस कुत्ते की लीला ख़त्म करता हु । शेर बंदर को अपनी पीठ पर बिठाकर कुत्ते की तरफ आने लगता है ।

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कुत्ता शेर और बंदर को अपने ओर आते हुए देखकर फिरसे दिमाग लगाता है । फिरसे कुत्ता हिम्मत करके शेर के सामने बैठ कर जोरो से बोलने लगता है की , अरे इस बंदर को भेजे एक घंटा हो गया फिर भी वो वापिस नहीं आया , साला एक मामूली शेर को भी नहीं फसा सकता !

कुत्ते की ये बात सुनकर शेर वही के वही बंदर को पटक देता है और वापस पीछे भागने लगता है ।

Moral : हमें मुश्किल समय में अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए और Hard Work की जगह पर Smart Work करना चाहिए । क्योकि मुश्किल समय में Hard Work से ज्यादा Smart Work ही हमारे काम आता है ।

जिंदगी में बंदर जैसे कई सारे लोग आपकी ऊर्जा , समय और ध्यान भटकाने के लिए तैयार रहते है । आपको उन्हें पहचनना होगा और इस कुत्ते की तरह उससे सावधान रहना होगा ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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