Inspiring Short Stories

परेशानियां – Short Story In Hindi

pareshaaniyaan-short-story-in-hindi
Written by Abhishri vithalani

परेशानियां – Short Story In Hindi

परेशानियां किसके जीवन में नहीं होती है? हमें हमेशा अपनी परेशानी दुसरो की परेशानी से बड़ी लगती है, पर वास्तव में देखा जाए तो हमारी परेशानी दुसरो की परेशानी की तुलना में कुछ भी नहीं होती है। ये कहानी ( परेशानियां – Short Story In Hindi ) उसी के बारे में है।

ये कहानी बहुत समय पहले के एक छोटे से गांव की है। उस समय हमारे भारत में छोटे – छोटे गांव ज्यादा थे और उन गांवो में आज के जितना विकास भी नहीं हुआ था। उस समय गांव के लोगो में शिक्षण की भी बहुत कमी थी।

अच्छा शिक्षण ना मिलने के कारण लोगों में अज्ञानता का प्रमाण बहुत ज्यादा था। गांव के लगभग सभी लोग अपनी छोटी-छोटी समस्याओं से बहुत ज्यादा परेशान रहा करते थे।

एक दिन इस छोटे से गांव में भ्रमण करते करते एक बहुत विख्यात संत महात्मा पधारे। ये संत किसी भी व्यक्ति की समस्या का चुटकियों में हल करने का सामर्थ्य रखते थे।

इस बात की चर्चा पूरे गांव में होने लगी। गांव के सभी लोगो को कुछ न कुछ समस्या थी और इसलिए ही अपनी समस्या का निवारण लाने के लिए एक-एक करके सारे गांव वाले संत के पास आकर इकट्ठा हो गए।

सभी अपनी अपनी समस्या का समाधान लाने के लिए जल्दबाजी कर रहे थे। हर कोई सबसे पहले अपनी परेशानी का समाधान करवाना चाहता था। इस वजह से सब लोग इकठ्ठा होकर एक साथ बोलने लगे।

गांव के लोगो का इतना शोर देखकर संत को गुस्सा आने लगा और संत ने उची आवाज में सबको चुप रहने के लिए कहा।

जब गांव के लोग शांत हो गए तो संत ने सबसे कहा कि, इस तरह ना मुझे किसी की समस्या समझ में आएगी और ना ही किसी भी समस्या का समाधान हो पाएगा। मैं जैसा बोलता हूं वैसा करो तो में सब की समस्या का समाधान कर दूंगा।

संत की बात सुनकर सारे गांववाले खुश हो गए। संत ने कहा की सब अपनी अपनी समस्याएं कागज में लिख कर लेकर आओ और इस टोकरी में रख दो। संत ने जैसे कहा था ठीक बिलकुल वैसे ही सभी ने अपनी अपनी समस्याएं पर्चियों में लिख दी और उन्हें टोकरी में डाल दिया।

इसके बाद संतने सभी को उस टोकरी में से एक – एक पर्ची उठाने के लिए कहा और अपनी शर्त बताते हुए कहा, मै आप सभी की समस्या हल कर दूंगा पर बदले में सब को किसी भी एक व्यक्ति की ऐसी समस्या हल करनी होगी जो उनकी समस्या से छोटी हो।

गांव के सभी लोगो ने टोकरी में से एक एक पर्ची उठाई और उनमें लिखी समस्या पढ़ने लगे। हर एक गांववाले का चेहरा देखकर साफ पता चल रहा था कि उन्होंने जो भी समस्याएं पढ़ी वो उनको अपनी समस्या जितनी या उससे भी बड़ी लग रही थी क्योंकि वे सभी आपसमे पर्चियां बदल बदलकर समस्याएं पढ़ रहे थे।

एक घंटे से भी ज्यादा समय बीत गया, तब सभी ने संत को अपनी अपनी पर्चियां दिखाते हुए कहा कि, महात्मा हम समझ गए है की हमारी समस्याएं केवल हम ही हल कर सकते है, इसलिए हम अपनी खुद की लिखी पर्ची हाथ में पकड़े हुए है और अब हम स्वयं ही इनका निवारण करेंगे।

परेशानियां किसके जीवन में नहीं होती है? हमें हमेशा अपनी परेशानी दुसरो की परेशानी से बड़ी लगती है, पर वास्तव में देखा जाए तो हमारी परेशानी दुसरो की परेशानी की तुलना में कुछ भी नहीं होती है। रोने से कुछ नहीं होता है। हमें रोने के बदले समस्याओं का डटकर सामना करना चाहिए।

अगर आपको हमारी Story ( परेशानियां – Short Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

Leave a Comment