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संतोष – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

संतोष – Short Story In Hindi

ये Story संतोष (Satisfaction) के बारे में है । मनुष्य हमेंशा पैसो की लालच रखता है और जब उसे अच्छे पैसे मिल जाते है तभी भी वो संतोष पाने में नाकामयाब रहता है और उसे ज्यादा पैसे चाहिए होते हैं ।

पुराने समय की बात है । किसी राज्य में एक अच्छा और परोपकारी राजा राज करता था । वो राजा हमेंशा अपनी प्रजा के भले के बारे में ही सोचता रहता था । उनसे हो सके वो सब वो अपनी प्रजा के लिए करता था ।

राजा के काम से उनकी प्रजा भी काफी खुश थी । राजा के जन्मदिन के दिन राजा ने अपने आप से वादा किया था की में आज मुझसे मिलने वाले हर एक इंसान को खुश करूँगा ।

राजा अपने जन्मदिन के दिन अपने कुछ सैनिकों के साथ बहार घूमने निकले । उन्होंने रास्ते में मिलने वाले हर लोगो को सोना – चांदी देकर खुश कर दिया । अब वो अपने सैनिको के साथ आगे बढ़ने लगे । थोड़ा आगे जाने के बाद उनकी नजर एक भिखारी की और गयी ।

उस भिखरी को देखकर राजा के मन में दया आ गयी । उन्होंने भिखारी को अपने पास बुलाया और उसे एक सोने का सिक्का दिया । भिखारी सोने का सिक्का देखकर बहुत खुश हो गया । लेकिन अचानक वो सिक्का भिखारी के हाथ से छूटकर एक नाली में गिर गया ।

उस भिखारी ने तुरंत नाली में हाथ डाला और वो सोने के सिक्के को ढूंढने लगा । ये सब राजा देख रहे थे । ये सब देखकर उनको इस भिखारी में बहुत ज्यादा तरस आने लगा । राजा ने उस भिखारी को अपने पास फिर से बुलाया और उसे एक और सोने का सिक्का दिया ।

सोने का सिक्का लेने के बाद वो भिखारी फिर से उस नाली में हाथ डालकर वो पहला जो सिक्का गिर गया था उसे ढूढ़ने लगा । राजा अभी भी वही थे और वो ये सब देख रहे थे । उन्होंने फिरसे भिखारी को अपने पास बुलाया और उसे सोने का सिक्का दिया ।

भिखारी ने इस बार भी सोने का सिक्का लिया और वो जो पहला सिक्का गिर गया था उसे फिर से नाली में हाथ डालकर ढूंढने लगा । राजा को ये देखकर बहुत ही ज्यादा आश्चर्य हुआ । अब उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने भिखारी को बुलाकर पूछ लिया की मेंने तुम्हे इतने सोने के सिक्के दिए फिर भी तुम्हे इससे संतोष नहीं मिला ? तुम क्यों बार बार नाली में हाथ डालकर वो सिक्का ढूंढ रहे हो ?

तुम मुझे ये बताओ की आखिर तुम्हे में कितने सोने के सिक्के दू की तुमको इससे संतोष प्राप्त हो और तुम वो नाली में गिरा हुआ सिक्का ना ढूंढो ? राजा की बात सुनकर भिखारी ने कहा की मुझे संतोष तभी मिलेगा जब मुझे वो नाली में गिरा हुआ सिक्का वापिस मिल जाए ।

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अगर इस Story को ध्यान से समजा जाये तो उस भिखारी के लिए राजा के दिए हुए सिक्के की कोई भी अहमियत नहीं थी । उसके लिए तो वो नाली में पड़ा हुआ सिक्का ही जरुरी था ।

कभी कभी हम लोग भी इस भिखारी की तरह बन जाते है । हमें पैसा चाहिए , एक घर चाहिए , गाड़ी चाहिए और जब हमें सब कुछ मिल जाता है तब हमें और ज्यादा पैसे चाहिए , बड़ा सा अच्छा घर चाहिए , और अच्छी गाड़ी चाहिए । इसका मतलब हमारी मांग कभी भी ख़त्म नहीं होती है ।

ज्यादा पाने के चक्कर में हम जो अपने पास पहले से है उससे भी अपनी Life में Enjoy नहीं कर पाते है । देखा जाए तो हम लोग भिखारी की तरह ही अपने पास जो है उससे संतोष ना पाकर और ज्यादा पाने में ही हमेशा उलझे रहते है ।

अगर आपको हमारी Story अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

3 Comments

  • बहुत बहुत धन्यवाद , मै आपकी daily reader हूँ….आप बहुत अच्छा लिखते हो और सभी पोस्ट में काफी helpful जानकारी देते है …thank you

  • आप अपनी वेबसाइट के ऊपर रोजाना ऐसी ही कहानिया बताते रहिएगा आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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