Moral

चित्रकार की सकारात्मक सोच – Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

चित्रकार की सकारात्मक सोच – Moral Story In Hindi

सकारात्मक सोच रखने से किसी भी समस्या का समाधान आसानी से हो जाता है । परिस्थिति चाहे कैसी भी हो हमें अपनी सोच हमेशा सकारात्मक ही रखनी चाहिए ।

पुराने समय की बात है । एक राजा अपने राज्य में राज करता था । राजा में कुछ कमजोरिया थी ओर वो ये थी की उसकी केवल एक आँख थी ओर एक ही पैर था ।

राजा अपनी इस कमजोरियों के बावजूद भी एक दयालु , होशियार और बुद्धिमान शासक था । राजा के शासन में उसकी प्रजा उनसे बहुत खुश थी ।

एक दिन राजा जब अपने महल में टहल रहे थे तभी उनकी नजर दीवार पर लगे चित्रों पर जाती है । वो सभी चित्र राजा के पूर्वज के थे । उन चित्रों को देख कर राजा को मन में विचार आता है की भविष्य में जब मेरे उत्तराधिकारी महल में टहलेंगे तब वो मेरे चित्र को देख कर स्मरण करेंगे ।

लेकिन राजा का चित्र अभी तक उस दीवार पर नहीं लगा था । राजा अपनी शारीरिक अक्षमताओं की वजह से ये भी नहीं जानते थे की उसका चित्र कैसा दिखेगा ? उसी दिन राजा ने सोचा की मेरा चित्र भी इस दीवार पर लगवाना चाहिए ।

अगले ही दिन राजा अपने राज्य के श्रेष्ठ चित्रकारों को दरबार में आमंत्रित करते है । राजा ने दरबार में यह घोषणा की कि वो महल में लगवाने के लिए अपना एक सुंदर चित्र बनवाना चाहता है । जो भी मेरा सुंदर चित्र बना सकता है तो आगे आये । जैसा चित्र बनेगा वैसा ही में उस चित्रकार को इनाम दूंगा ।

दरबार में जितने भी चित्रकार थे वो सभी कला में निपुण थे लेकिन जिस तरह राजा ने घोषणा की थी वो सुनने के बाद वे सभी सोचने लगे की राजा तो लंगड़ा और काना है अगर हमने उसका चित्र सुंदर नहीं बनाया तो वो हम पर क्रोधित हो जायेगा और हमें वो सजा भी दे सकता हैं ।

ये विचार किसी को भी आगे आने का साहस न दे पाया और सब लोग कुछ न कुछ बहाना निकाल कर दरबार में से निकल जाते है । लेकिन उन सब के बिच एक चित्रकार राजा का चित्र बनाने के लिए तैयार हो जाता है ।

राजा उससे पूछते है की क्या तुम मेरा सुंदर चित्र बनाा पाओगे ? वो चित्रकार ने कहा जी में आपका सुंदर चित्र बनाने के लिए तैयार हु । राजा उसे अपना चित्र बनाने के किये आज्ञा देते है ।

दूसरे ही दिन से वो चित्रकार राजा का चित्र बनाने में लग जाता है । कुछ ही दिनों में उस चित्रकार ने राजा का चित्र बना भी दिया । जब दरबार में चित्र के अनावरण का दिन आया तब राजा ने दरबारियों के अलावा उन सभी चित्रकारों को भी आमंत्रित किया था जिन्होंने राजा का चित्र बनाने से इंकार कर दिया था ।

दरबार में उपस्थित सभी लोग बड़ी उत्सुकता से चित्र के अनावरण की प्रतीक्षा कर रहे थे । जब चित्र का अनावरण हुआ तो राजा के साथ साथ सभी लोग चित्र को देखते ही रह गए क्योकि चित्र बहुत ही सुंदर बना था ।

उस चित्र में राजा दोनों तरफ पैर करके घोड़े पर बैठा हुआ था , जिसे एक ओर से चित्रित किया था और उसमें राजा का एक ही पैर दिख रहा था । साथ ही साथ राजा धनुष चढ़ाकर अपनी एक आँख बंद करके निशाना साध रहा था , जिससे राजा के काने होने की कमजोरी छुप गयी थी ।

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चित्रकार ने अपनी चालाकी से राजा की अक्षमताओं को छुपाकर एक सुंदर चित्र बनाया था । राजा अपना ये चित्र देखकर बहुत ज्यादा खुश हो जाता है और वो चित्रकार पर प्रसन्न होकर उसे अच्छा इनाम भी देता है ।

Moral : अगर हमें अपने जीवन में आगे बढ़ना हो तो किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए । सकारात्मक सोच रखने से मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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