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गलत संगति – Motivational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

गलत संगति – Motivational Story In Hindi

ये कहानी है एक लड़के के बारे में जो गलत संगति की वजह से Depress हो गया था ।

आरव एक माध्यम वार्गिये परिवार से था । वो पढ़ने में बहुत अच्छा था । उसने 12 क्लास तक लगातार अपने स्कूल में टॉप किया था । उसके परिवार वालो को उस पर गर्व था । उसके माता – पिता को यकीन था की हमारा बच्चा बहुत आगे जाने वाला है ।

लेकिन 12 के बाद आरव कॉलेज में गया तो उसकी पूरी लाइफ ही बदल गयी । उसके ऐसे दोस्त बन गए की वो अब पहले का आरव नहीं रहा और वो अब पूरा बिगड़ गया । वो घरवालो से जूठ बोलकर पैसे लेने लगा और अपने दोस्तों के साथ देर रात तक पार्टी करने लगा था ।

आरव के घरवालों को ये सब समज में आ रहा था और उन्होंने कई बार आरव को समझाने की कोशिश की लेकिन आरव में कोई भी बदलाव नहीं आया उल्टा वो घरवालों से कहने लगा की आप मुझे ज्ञान मत दीजिये मुझे आपके ज्ञान की कोई जरुरत नहीं है , में अब बड़ा हो गया हु, आप मुझे मेरे तरीके से जीने दीजिये ।

दिन व् दिन आरव और भी बिगड़ता जाता था लेकिन अब घरवाले उससे तंग आ चुके थे इसलिए उसे कुछ नहीं बोलते थे । 6 महीने के बाद जब पहले सेमिस्टर का रिजल्ट आया तब आरव एक सब्जेक्ट में फ़ैल हुआ था ।

ये बात आरव के Ego को Hurt कर गयी की जो लड़का 12 तक टॉप करता आ रहा था वो कॉलेज में कैसे फ़ैल हो सकता है । ये फ़ैल होने वाली बात उसके दिमाग में इतनी आ गयी थी की वो घर में बंद हो गया , एक कमरें में रहने लगा, घर वालो से बात करना बंद कर दिया , यहाँ तक की उसने दोस्तों के फ़ोन उठाना भी बंद कर दिया और उसने बहार आना जाना भी बंद कर दिया ।

आरव धीरे धीरे पूरी तरह से Depression का शिकार बन चूका था । उसे लग रहा था की उसकी लाइफ में अब करने के लिए कुछ बचा ही नहीं है ।

आरव जिस स्कूल में पढता था वहा के एक अध्यापक को ये बात पता चली । उन्होंने आरव को अपने घर पर डिनर के लिए बुलाया । आरव को डिनर पर जाने का बिलकुल भी मन नहीं था लेकिन स्कूल के समय से उस अध्यापक का आरव के साथ अच्छा संबंद था और आरव मना भी नहीं कर सकता था इसलिए वो चला जाता है ।

अध्यापक के घर पर पहुंचकर आरव ने देखा की उसके अध्यापक बगीचे में बैठे है । ठण्ड का मौसम था इसलिए वो अपने हाथ तपा रहे थे । आरव अपने अध्यापक के साथ जाकर बैठ जाता है । अध्यापक ने उससे पूछा की आरव बेटा क्या हाल चाल है ? तुम्हारी पढाई कैसी चल रही है ?

15 – 20 मिनट हो गयी लेकिन आरव ने कोई जवाब नहीं दिया । अध्यापक को लगा की अब मुझे कुछ करना होगा । उन्होंने कोयले का जो टुकड़ा जल रहा था उसे मिटटी में फेक दिया । वो कोयले का टुकड़ा थोड़ी देर के लिए जलता रहा और बाद में बुझ गया ।

ये देखकर आरव बोला आप ये क्या कर रहे हो ? कोयले का टुकड़ा अग्नि में धधक रहा था और वो हमें गर्मी दे रहा था आप ने उसे बहार मिटटी में फेक दिया और उसे बर्बाद कर दिया । अध्यापक ने कहा मेने उसे कहा बर्बाद किया है ? ऐसा बोलते हुए अध्यापक ने कोयले के टुकड़े को उठाया और उसे वापिस अग्नि में डाल दिया ।

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थोड़ी देर के बाद फिर से वो कोयले का टुकड़ा जलने लगा । अध्यापक ने कहा बेटा में तुम्हे यही समझाना चाहता हु । ये जो कोयले का टुकड़ा है वो तुम हो । जैसे ये कोयला मिटटी में गिर गया था वैसे ही तुम गलत संगति में पड़ गये हो ।

जैसे ये कोयले का टुकड़ा फिर से अग्नि में डालने से जल गया वैसे ही तुम भी वापिस ठीक हो सकते हो । तुम्हे बस इस कोयले के टुकड़े की तरह फिर से जलने की जरुरत है ।

तुम्हे अपनी लाइफस्टाइल बदलनी होगी और दोस्त भी बदलने होंगे । में तुम्हे बस इतना ही समझाना चाहता हु की तुम गलत संगति में आ गये हो और तुम वापिस पहले जैसे बन सकते हो ।

आरव अध्यापक की बाते अच्छे से समज जाता है और उसकी लाइफ बदल जाती है ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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