ताकत का इम्तिहान – Mulla Nasruddin Story in Hindi
मुल्ला नसरुद्दीन की इस कहानी ( ताकत का इम्तिहान – Mulla Nasruddin Story in Hindi ) में मुल्ला नसरुद्दीन अपने दोस्तों से साथ गपशप कर रहे थे और बातो – बातो में वो सब अपने बचपन के दिनों की चर्चा करने लगते है । उस चर्चा ने एक मज़ेदार मोड़ ले लिया। वो क्या था ये जानने के लिए आपको पढ़नी होगी ये कहानी ( ताकत का इम्तिहान – Mulla Nasruddin Story in Hindi ) ।
एक दिन मुल्ला नसरुद्दीन अपने दोस्तों के साथ गाँव की चौराहे पर बैठकर गपशप कर रहे थे । बातो बातो में बात बचपन और जवानी के दिनों पर होने लगी । वो सब चर्चा करने लगे की वे पहले कैसे थे और अब कैसे है । उनके अंदर पहले से कितना बदलाव आया है ।
उनके एक दोस्त ने कहा की , में पहले से अब ज्यादा समझदार हो गया हु । दूसरे एक दोस्त ने कहा की , में पहले से अब ज्यादा समझदार तो हो गया हु लेकिन साथ ही साथ पहले से ज्यादा कमज़ोर भी हो गया हु ।
जब बारी मुल्ला नसरुद्दीन की आयी तब उन्होंने कहा की , में पहले भी समझदार था और आज भी समझदार हु और जहाँ ताकत की बात है , तो में पहले भी ताकतवर था और आज भी उतना ही ताकतवर हूँ ।
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ताकत की बात सुनते ही मुल्ला के दोस्तों ने उससे पूछा की , क्या तुम सच में आज भी उतने ही ताकतवर हो जितने पहले थे ? मुल्ला ने कहा , हां बिलकुल , में ये आजमा चूका हु ।
मुल्ला के दोस्तों ने उसे बड़े आश्चर्य के साथ पूछा , तुमने कैसे आज़माया ? मुल्ला ने कहा , कई सारे वर्षो से मेरे घर के सामने एक बड़ा सा पत्थर रखा हुआ है । में उस पत्थर को अपनी जवानी में भी नहीं उठा पता था और आज भी में उस पत्थर को नहीं उठा पाता हूँ । इसका मतलब में हुआ ना पहले जैसा ही ताकतवर ।
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