भिखारी बना बिजनेसमैन – Short Moral Story In Hindi
हम जो अपने आप को मानते है वही हम बन जाते है । हम अपनी लाइफ में उतना ही आगे बढ़ पाते है जितना की हम बढ़ना चाहते है। ये कहानी ( भिखारी बना बिजनेसमैन – Short Moral Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।
एक दिन एक ट्रैन में एक व्यपारी यात्रा कर रहा था । उसी ट्रैन में वहा पर एक भिखारी आया । वो भिखारी उस व्यपारी से भीख मांगने लगा । उस व्यपारी ने भिखारी से कहा की में एक व्यपारी हु और में लेन-देन में विश्वाश रखता हु । तुम्हारे पास कुछ है ? मुझे देने के लिए ? तभी में तुम्हे कुछ दूंगा ।
उस व्यपारी की बात ने इस भिखारी के दिल को छू लिया । अब भिखारी ने मन में ये निश्चय कर लिया की जब भी कोई व्यक्ति मुझे कुछ भी भीख देगा , तो बदले में मैं भी उसे कुछ न कुछ दूंगा ।
वो भिखारी बहुत सोचने लगा की में लोगो को क्या दू तभी उसकी नजर बचीगे में लगे फूलो पर गयी । वो वहा से कुछ फूल तोड़कर लाया और जो भी इंसान उसे भीख देता बदले में ये भिखारी उसे फूल देने लगा ।
कुछ दिनों के बाद इस भिखारी को फिर से वही व्यपारी ट्रैन में मिला । भिखारी ने उस व्यपारी से कहा की आप ने मुझे पिछली बार कहा था की अगर तुम मुझे कुछ दोगे तभी बदले में मैं तुम्हे कुछ दूंगा , तो आज आपको देने के लिए मेरे पास ये सुन्दर फूल है ।
उस व्यपारी ने इस भिखारी से फूल लेकर उसे बदले में बहुत अच्छी भीख दी और कहा की आज तो तुम भी मेरी तरह एक व्यपारी बन गए हो ! उस व्यपारी की बात सुनकर वो भिखारी मन ही मन बहुत खुश हो गया था और वो सोचने लगा की अब तो में भी एक व्यपारी ही हु क्योकि व्यपार में यही तो होता है , की हम किसी को कुछ देते है और बदले में हमें कोई कुछ देता है ।
कुछ दिनों के बाद ये भिखारी और वो व्यपारी एक ही ट्रैन से जा रहे थे । लेकिन अब ये भिखारी पहले जैसा नहीं था वो अब सुन्दर लग रहा था और उसके कपडे भी अच्छे थे । इस बार इस भिखारी ने उस व्यपारी से पूछा की क्या तुमने मुझे पहचाना ?
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व्यपारी ने कहा मुझे नहीं पता की तुम कौन हो ? में तो तुमसे पहली बार मिल रहा हु । तब भिखारी ने कहा की ये हमारी तीसरी मुलाकात है । में वही भिखारी हु जिसने आप से प्रेरणा लेकर अपना खुद का फूलो का व्यपार शुरू कर दिया है । आज में आपकी प्रेरणा की वजह से एक बहुत बड़ा व्यपारी बन गया हु और अपने फूलो के व्यपार के काम से ही दूसरे शहरों में जा रहा हु ।
Moral : इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की जो हम अपने आप को मानते है वही हम बन जाते है । अगर हम अपनी सारी जिंदगी अपने आप को दुखी मानते है तो दुःख कभी भी हमारा पीछा छोड़ता ही नहीं है । अगर हम अपने आप को भिखारी मानेगे तो हमारा स्वभाव भी वैसा ही हो जायेगा ।
अगर हम अपने आप को एक सफल और खुश इंसान मानेगे तो सफलता और खुशिया अपने आप हमारी जिंदगी में आ जाएगी । आप को वो नहीं मिलता है जो आप चाहते हो पर आपको वो मिलता है जिसमे आप विश्वास रखते हो ।
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Hi @Abhishri Vithalani
Aapki ye kahani mujhe bahut hi acchi lagi. Aaj mai aapke page ko pehli baar visit kiya or kaafi inspire bhi hua aapke es story se.
Thanks for Sharing such a amazing story.
mai bhi blog likhna chhahta hu kya aap meri madad krengi
Thanks in Advance