पासा पलट गया – Short Story In Hindi
अगर हमारे इरादे सही ना हो तो कभी कभी भगवान् ऐसा पासा पलट देते है की जिसकी हमें भनक भी नहीं होती है । ये कहानी ( पासा पलट गया – Short Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।
एक सेठजी थे । उन्होंने अपनी सारी जिंदगी बहुत मेहनत की थी इसलिए वो काफी धनवान थे । उनका नाम गांव के अमीर लोगो में आता था । उनका धंधा बहुत अच्छा चल रहा था । सेठ के पास सम्पति भी अच्छी थी ।
उनके चार बेटे थे । एक दिन सेठ को लगा की अब मुझे अपने चारो बेटो के बिच अपनी सम्पति बाँट देनी चाहिए । उन्होंने अपनी सारी सम्पति का हिसाब कर दिया और अपने चारो बेटो को कितना – कितना देना है उसका भी हिसाब कर दिया ।
उनके चारो बेटो ने कहा की हम सब मिलकर आपको तीन – तीन महीना रखेंगे । ऐसे चारो ने मिलकर पिताजी को 12 महीना मतलब की तीन- तीन महीना रखने का Plan बनाया था । सेठ जी को भी अपने चारो बेटो के इस इरादे से कोई समस्या नहीं थी । अब सेठ ने और उनके चारो बेटो ने ये सम्पति बाटने का फैसला गांव के सरपंच के सामने लेना का निर्णय लिया । एक हफ्ते के बाद वो लोग गाँव के सरपंच के सामने ये फैसला लेने वाले थे ।
जिस दिन सेठजी ने ये सम्पति का बंटवारा करने का निर्णय लिया तभी जो सबसे बड़ा लड़का था उसके दिमाग में ये बात आयी की एक बार ये बटवारा हो जाने दो उसके बाद में पिताजी को तीन महीने क्या तीन दिन भी नहीं रखुगा । वही बात बाकी तीनो के दिमाग में भी आयी थी ।
वो चारो सोच रहे थे की एक बार सम्पति अपने नाम हो जाये उसके बाद क्या करना है वो तो हमें देखना है । वो चारो इतने लालची हो गए थे की अपने पिताजी को तीन महीने रखने के लिए भी राजी नहीं थे । जिस पिताजी ने इतनी मेहनत करके इन चारो को संभाला था वो चारो मिलकर भी अब पिताजी को सँभालने के लिए राजी नहीं थे ।
चारो कुछ बोल इसलिए नहीं रहे थे ताकि अगर उन्होंने पहले से ही बता दिया तो बटवारे में उनको अपना हिस्सा नहीं मिलता । अब आखिर हफ्ता पूरा हो गया और वो बटवारे का दिन आ गया ।
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Short Story In Hindi With Moral Value
चारो बेटे और पिताजी ये फैसला लेने के लिए गाँव के सरपंच के पास जाते है । गाँव के सरपंच सेठ जी से पूछते है की आप अपनी सारी सम्पति अपने चारो बेटो को बाँटना चाहते हो और वो चारो बदले में आपको तीन – तीन महीना अपने घर पर रखेंगे ? क्या आपका ये अंतिम फैसला है ?
तभी सेठ ने कहा , जी नहीं मेरा अंतिम फैसला ये है की में अपने चारो बेटो को तीन – तीन महीना अपने पास रखुगा और बाकि के नौ महीने वो अपने हिसाब से रहेंगे ।
सेठ का अंतिम फैसला सुनने के बाद चारो बेटे के पैरों तले जमीन खिसक गयी और वो चारो हक्के – बक्के रह गए । वो सोच क्या रहे थे और हुआ क्या ? सेठ जी ने तो पासा ही पलट दिया ।
इस कहानी में जैसे सेठ ने पासा पलट गया इसी तरह जिंदजी में भी ऐसा ही होता है , अगर हमारे इरादे सही ना हो तो कभी कभी भगवान् ऐसा पासा पलट देते है की जिसकी हमें भनक भी नहीं होती है । इरादे अच्छे रखने चाहिए क्योकि ऊपर वाला सब कुछ देख रहा है । हम सभी को बेवकूफ बना सकते है पर भगवान् को नहीं ।
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