आधी धुप और आधी छाँव – Akbar Birbal Story In Hindi
ये बात तो हम सभी जानते है की बीरबल बादशाह अकबर का सिर्फ सलाहकार ही नहीं बल्कि एक अच्छा मित्र भी था । अकबर बीरबल की ये आधी धुप और आधी छाँव की कहानी से हमें ये पता चलेगा की अकबर अपने सलाहकार बीरबल के बिना कुछ दिन भी रह नहीं सकते है ।
एक दिन बादशाह अकबर और बीरबल के बिच किसी बात पर अनबन हो गयी । बादशाह अकबर ने गुस्से में आकर बीरबल को नगर छोड़ने का आदेश दे दिया । बीरबल नगर छोड़कर चला भी गया । बीरबल एक गाँव में अपनी पहचान छुपाकर रहने लगा था ।
बादशाह अकबर अपने सलाहकार के बिना कुछ दिन तो रह पाए लेकिन जैसे – जैसे दिन बीतते गए उनको राजकीय कार्यो में बीरबल की सलाह की आवश्कयता महसूस होने लगी । बीरबल उनके परम मित्र थे उस वजह से उनको उसकी याद भी आने लगी थी ।
अकबर ने सैनिक को बीरबल को ढूढ़ने के लिए भेज दिया । बहुत ढूढ़ने के बावजूद भी सैनिक बीरबल को नहीं ढूढ पाए । आखिर अकबर ने बीरबल को ढूढ़ने के लिए एक उपाय खोजा । अकबर ने पुरे राज्य में ढिंढोरा पिटवा दिया की जो कोई भी मुसजे आधी धुप और आधी छाँव में मिलने के लिए आएगा उसे में 500 स्वर्ण मुद्राएं इनाम में दूंगा ।
अकबर को पहले से ही पता था की बीरबल के सिवा मेरे इस प्रश्न का जवाब और कोई नहीं दे सकता है और इस तरह में बीरबल को ढूढ़ने में सफल हो पाउँगा ।
ये खबर उस गाँव तक भी पहुंच गयी थी जहा पर बीरबल छुपकर रहता था । उसी गाँव में एक गरीब किसान रहता था । बीरबल ने सोचा अगर इस किसान को ये 500 स्वर्ण मुद्राएं मिल जाए तो फिर उनका बहुत भला होगा ।
बीरबल ने किसान को अपने सिर पर एक चारपाई रखकर अकबर के पास जाने के लिए कहा । वो किसान ने भी बिलकुल जैसा बीरबल ने कहा था वैसा ही किया ।
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इनाम का आधा हिस्सा – Akbar Birbal Story
बादशाह अकबर के सैनिको ने इस किसान को भरी दोपहर में अपने सिर पर चारपाई रखकर राजमहल की और जाते हुए देखा । सैनिको ने तुरंत ये बात राजा अकबर को बताई । राजा अकबर ने उस किसान को अंदर आने की अनुमति दी ।
किसान ने अंदर जाके बादशाह अकबर से अपना इनाम मांगा । अकबर ने उस किसान से पूछा की पहले तुम मुजे सच – सच बताओ की तुमको ऐसा करने के लिए किसने कहा था ?
गरीब किसान ने सब कुछ सच – सच बादशाह अकबर को बता दिया । किसान ने बादशाह अकबर से कहा की महाराज , हमारे गाँव में कुछ समय से एक अच्छा व्यक्ति आकर रुका है और उसने ही मुझे सिर पर चारपाई रखकर आपके पास आने को कहा था ।
किसान की ये सब बाते सुनकर अकबर समज गए की वो अच्छा व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि बीरबल ही है । बादशाह अकबर ने अपने सेवक से कहकर उस गरीब किसान को तुरंत 500 स्वर्ण मुद्राएं दिलवा दी ।
अकबर ने अपने सैनिक को उस किसान के साथ भेजकर बीरबल को वापिस आने का पैगाम भी भिजवा दिया । बीरबल बादशाह अकबर के पास वापिस लौट आये ।