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आशीर्वाद की महत्ता – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

आशीर्वाद की महत्ता – Short Story In Hindi

आशीर्वाद की महत्ता क्या है ये आप जानते हो? जिसे किसी भी प्रकार के लालच की अपेक्षा न हो और जो सच्चे मन से दिए गए आशीर्वाद की महत्ता जानता हो उसी का भला होता है। ये कहानी (आशीर्वाद की महत्ता – Short Story In Hindi) मे उसी की बात की गयी है।

गौतम बुद्ध, मगध राज्य के एक गांव में ठहरे हुए थे। वही सुदास नाम का एक जूते बनाने वाला रहता था जिसकी झोपड़ी के पीछे के पोखर था।

एक सुबह सुदास अपने पोखर से पानी लेने गया तो देखा की वहा कमल का एक बेहद खूबसूरत फूल बेमौसम खिला हुआ था। सुदास इस कमल के फूल को देखकर बहुत ज्यादा खुश हो गया। उसने अपनी पत्नी को पुकारा, देखो रात तक पोखर में कही एक कली भी न थी, सुबह इतना सुन्दर कमल खिला हुआ है।

सुदास की पत्नी धर्मपरायण थी। उसने सुदास से कहा, हो न हो बुद्ध अवश्य तालाब के निकट से गुजरे होंगे। फूल देखकर सुदास ने सोचा की वह इसे राजा प्रसेनजित को देगा। इससे उसे मुँह मांगा मूल्य भी मिल जाएगा।

सुदास उस कमल को लेकर राजमहल गया। वहा जाते वक्त राजपथ पर उसे एक और सज्जन मिल गए, जिन्होंने एक माशा स्वर्ण देकर वह फूल खरीद लिया।

ठीक उसी वक्त राजा प्रसेनजित भगवान् बुद्ध के दर्शन के लिए जा रहे थे। उन्होंने फूल देखकर उसका मूल्य पूछा तो सुदास ने बताया की वह तो उसे एक माशा स्वर्ण में पहले से ही बेच चुका है।

राजा ने कहा की वह इस कमल के फूल के लिए 10 माशा स्वर्ण देने के लिए तैयार है। थोड़ी देर में फूल का मूल्य 10 से 20 माशा हो गया।

जब राजा ने फूल का मूल्य 50 माशा स्वर्ण देने की बात कही तो सुदास ने दोनों से क्षमा मांगते हुए फूल वापस ले लिया और एक माशा स्वर्ण उस सज्जन को वापस कर दिया।

फिर वह कमल का फूल लेकर खुद महात्मा बुद्ध के पास गया और उसे उनके चरणों में अर्पित कर दिया। भगवान् बुद्ध ने फिर सुदास से पूछा की तुम क्या चाहते हो?

सुदास ने कहा, भगवान् पुष्प के बदले में लालच तो बहुत मिला किन्तु असल कामना मुझे आपके आशीर्वाद की ही है। मै आपके आशीर्वाद की महत्ता समज गया हु।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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