Moral Short Stories

आत्मज्ञान – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

आत्मज्ञान – Short Moral Story In Hindi

आज के इंसान के पास सब कुछ होता है लेकिन आत्मज्ञान नहीं होता है , इसलिए उसके जीवन में सब कुछ गड़बड़ हो जाता है। ये कहानी (आत्मज्ञान – Short Moral Story In Hindi) भी उसी के बारे में है।

एक गांव में एक व्यक्ति के पास 19 घोड़े थे। एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। मृत्यु के बाद वसीयत पढ़ी गयी। उस वसीयत में लिखा था की मेरे 19 घोड़ो में से आधे मेरे बेटे को , 19 घोड़ो में से एक चौथाई मेरी बेटी को और 19 घोड़ो में से पांचवा हिस्सा मेरे नौकर को दे दिया जाये।

वसीयत पढ़ने के बाद सब लोग सोचने लगे की ये बंटवारा कैसे होगा ? क्योकि वसीयत में लिखा था की 19 घोडा का आधा इसका मतलब एक घोड़े को काटना पड़ेगा। फिर तो एक घोडा ही मर जायेगा। सब बड़ी उलझन में थे।

फिर सभी ने मिलकर पडोसी गांव में से एक बुद्धिमान व्यक्ति को बुलाया। वह बुद्धिमान व्यक्ति अपने घोड़े पर चढ़ कर आया। उसने समस्या सुनी और अपना दिमाग लगाया। फिर वह बोला इन 19 घोड़ो में मेरा भी एक घोडा मिला कर बाँट दो।

सब सोचने लगे की एक तो मरने वाला पागल था की ऐसी वसीयत बना के चला गया और अब ये दूसरा पागल आ गया की जो बोलता है की उनमे मेरा भी घोडा मिलकर बाँट दो। फिर भी सब ने सोचा की बात मान लेने में क्या हर्ज है।

19 + 1 = 20 हुए । 20 का आधा यानि की 10 घोड़े बेटे को दे दिए। 20 का चौथाई 5 , बेटी को दे दिए। 20 का पांचवा हिस्सा यानि की 4 नौकर को दे दिए।

बच गया एक घोडा, जो की उस बुद्धिमान व्यक्ति का था। वो उसे लेकर अपने गांव वापिस चला गया।

इस तरह एक घोडा मिलाने से बाकि 19 घोडा का बांटवार सुख , शांति , संतोष और आनंद के साथ हो गया। सोचो अगर वो बुद्धिमान व्यक्ति नहीं होता तो फिर ये गांववाले क्या करते? हो सकता है ये लोग एक घोड़े को आधा करने के चक्कर में एक घोड़े को मार डालते या पता नहीं क्या करते।

इसलिए हमें कुछ भी करने से पहले हमारा दिमाग जरूर लगाना चाहिए। और दिमाग लगाने के लिए हमारे पास ज्ञान का होना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है। बिना ज्ञान कुछ भी अच्छे से नहीं हो सकता है। इसलिए हमें हमेशा हमारे ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहिए और किसी भी समस्या का समाधान अच्छे से सोच समझकर करना चाहिए।

आज इंसान के पास सब कुछ है, लेकिन आत्मज्ञान नहीं है और इसलिए ही सब कुछ गड़बड़ हो जाता है। इसलिए कुछ भी करने से पहले ज्ञान और बुद्धि जरूर लगानी चाहिए ताकि हमें किसी दूसरे की सलाह लेनी ना पड़े और हम हमारी समस्या का हल सही तरीके से कर ले।

अगर आपको हमारी Story (आत्मज्ञान – Short Moral Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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