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अछूत व्यक्ति – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

अछूत व्यक्ति – Short Moral Story In Hindi

क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान है; इसमें आप ही जलते हैं। ये कहानी (अछूत व्यक्ति – Short Moral Story In Hindi) में भी यही बताया गया है।

कुछ समय पहले की बात है, जब गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक शांत वन में ध्यान और मौन में बैठे थे। उनके शिष्य उन्हें इस तरह मौन में बैठे देखकर परेशान हो गए और सोचने लगे कि क्या बुद्ध को कोई चिंता सता रही है या कुछ गलती हो गई है।

एक शिष्य ने बुद्ध से पूछा, “आप आज इतने मौन क्यों बैठे हैं? क्या हमने कुछ गलत किया है जिसके वजह से आप इस तरह चुप हैं?”

एक और शिष्य ने पूछा, “क्या आप ठीक हैं? क्या आपके स्वास्थ्य में कोई समस्या है?”

बुद्ध ने अपने मौन को नहीं तोडा और वो कुछ भी नहीं बोले। वे शांत बने रहे और अपने ध्यान में लिपटे रहे।

तभी दूर से एक व्यक्ति आवाज में बढ़ोतरी से बोला, “आज मुझे सभा में बैठने की अनुमति क्यों नहीं दी गई है?”

बुद्ध ने भीषण ध्यान से अपनी नेत्रों को बंद ही रखा और कुछ नहीं बोले। फिर उस व्यक्ति ने फिर से चिल्लाया, “मुझे प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं मिली?”

एक उदार शिष्य ने उसका पक्ष लेते हुए कहा, “हमें उसे सभा में आने की अनुमति देनी चाहिए।”

बुद्ध ने अपनी आँखें खोली और शांतता से बोले, “नहीं, वह अछूत है, और आज उसे सभा में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

यह सुनकर उनके शिष्य बड़े हैरान हो गए। उन्होंने पूछा, “परंतु हमारे धर्म में तो जाति-पात का कोई स्थान नहीं है, तो वह व्यक्ति अछूत कैसे हो सकता है?”

बुद्ध ने समझाया, “वह आज क्रोधित होकर आया है। क्रोध से जीवन की एकाग्रता टूट जाती है और क्रोधी व्यक्ति प्रायः मानसिक हिंसा कर बैठता है। इसलिए आज उसे सभा में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

Moral : इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें जाति, रंग, या धर्म के आधार पर किसी को अछूत या अपरिपक्व नहीं मानना चाहिए। व्यक्ति के गुणों और कर्मों के आधार पर ही उसका मूल्यांकन करना चाहिए। क्रोध से जीवन को हानि होती है, इसलिए हमें क्रोध से बच कर रहना चाहिए और एक शांत मन से जीवन जीना चाहिए क्योकि क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान है; इसमें आप ही जलते हैं।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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