Moral Short Stories

अनजाना पाप – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

अनजाना पाप – Short Moral Story In Hindi

अक्सर हम यही सोचते है कि हमने कभी कोई बड़ा पाप नहीं किया है, उसके बावजूद भी हमको किस बात का दंड मिल रहा है। यह दंड वही होता है जो हम परनिंदा का पाप कर संचित करते रहते है। इस कहानी (अनजाना पाप – Short Moral Story In Hindi) में भी एक ऐसे ही पाप के बारे में बात कि गयी है।

एक समय एक राजा के दरबार में ब्राम्हणभोज का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में ब्राम्हणो को भोजन के लिए आमंत्रित किया गया और इसके लिए छप्पनभोग महल के खुले आँगन में बनवाए गए।

उसी वक्त अनजाने में एक हादसा हो गया। खुले में पक रही रसोई के ऊपर से एक चील अपने पंजे में जिन्दा सांप दबोचकर निकल रही थी। सांप ने चील के पंजो से छुटकारा पाने के लिए फुफकार भरी और साथ ही जहर उगला।

सांप के फुफकारने से उसके मुख से निकली जहर की कुछ बूंदे पाकशाला में पक रही रसोई के व्यंजनों में गिर गयी। रसोई में जहर गिरने और उसके जहरीले होने का किसी को कोई पता नहीं चला।

ब्राम्हण महल के भोजनकक्ष में भोजन के लिए पधारे और महाप्रसाद उनको परोसा गया। जहरीला भोजन खाने से सभी ब्राम्हण काल के गाल में समा गए। जब राजा को इस बात का पता चला तो ब्रह्महत्या के पाप ने उसको दुखी कर डाला ।

ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल खड़ी हो गयी यमराज के लिए, कि आखिर इस पाप का भागी कौन है और ब्रह्महत्या के पाप के लिए किसको दंड दिया जाये!

दंड देने के लिए यमराज के सामने सबसे पहला नाम राजा का आया, क्योकि राजा ने ब्राम्हणो को भोजन के लिए आमंत्रित किता था। यमराज के मन में दूसरा नाम रसोइये का आया, जिसने ब्राम्हणो के लिए महाप्रसाद तैयार किया था ।

राजा को तीसरा ख्याल चील का आया जो सांप को पकड़कर ले जा रही थी और सबसे अंत में यमराज ने सांप के पाप पर विचार किया। लम्बे समय तक यमराज अनिर्णय कि स्थिति में रहे कि आखिर ब्रह्महत्या का दंड किसको दिया जाए।

घटना के कुछ समय बाद कुछ ब्राम्हण राजा से मिलने के लिए उसके महल में जा रहे थे। ब्राम्हणो ने एक महिला से महल का रास्ता पूछ लिया। तब महिला ने ब्राम्हणो को रास्ता बताते हुए कहा कि देखो भाई, जरा ध्यान से जाना, वह राजा ब्राम्हणो को खाने में जहर देकर मार देता है।

जैसे ही महिला ने यह बात कही, यमराज ने फैसला कर लिया कि मृत ब्राम्हणो के पाप का फल इस महिला के खाते में जायेगा और यह दंड को भोगेगी।

यमदूतो ने यमराज से पूछा कि प्रभु ऐसा क्यों? तब यमराज ने कहा – जब कोई व्यक्ति पाप करता है तो उसको पापकर्म करने में बड़ा आनंद आता है। ब्राम्हणो कि मौत से न तो राजा को, न रसोइये को, न चील को और न ही सांप को आनंद आया।

यह सभी इस अपराध से अनजान भी थे। महापाप कि इस दुर्घटना का इस महिला ने जोर – शोर से बखान कर जरूर मजा लिया, इसलिए ब्रह्महत्या का यह पाप इसके खाते में जायेगा।

Moral : अक्सर हम यही सोचते है कि हमने कभी कोई बड़ा पाप नहीं किया है, उसके बावजूद भी हमको किस बात का दंड मिल रहा है। यह दंड वही होता है जो हम परनिंदा का पाप कर संचित करते रहते है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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