अपनी प्रसिद्धि – Short Akbar Birbal Story In Hindi
इस कहानी(अपनी प्रसिद्धि – Short Akbar Birbal Story In Hindi) में एक ब्राह्मण अपनी प्रसिद्धि के लिए बीरबल की सलाह लेते है।
एक समय की बात है, एक ब्राह्मण, सेवाराम, बीरबल के पास आया। उसने बीरबल से कहा, “प्रिय, मेरे पूर्वज संस्कृति के प्रख्यात पंडित थे, और लोग उन्हें आदरपूर्ण रूप में ‘पंडितजी’ कहकर बुलाते थे। मेरे पास धन नहीं है, और मुझे उनकी तरह किसी तरह की आवश्यकता नहीं है, मैं बस एक सामान्य जीवन जीना चाहता हूँ।”
ब्राह्मण ने जारी रखा, “लेकिन मेरी एक ख्वाहिश है कि लोग मुझे भी पंडितजी कहकर पुकारें। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि मैं ऐसा कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?”
बीरबल ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “यह बिल्कुल आसान है। यदि आप मेरी सलाह को माने तो यह हो सकता है। ब्राह्मण ने बीरबल से कहा की में आपकी हर सलाह मानने के लिए तैयार हु। बीरबल ने सलाह दी जो उन्हें पंडितजी कहकर बुलाये, वह उस पर चिल्लाये।”
इसी गली में बसने वाले कुछ छोटे बच्चे थे, जिन्हें ब्राह्मण ने पहले डांटा था। वे बच्चे उसके खिलाफ विरोध दिखाते थे और वह उन्हें डांटते थे। अब उन बच्चों की आवश्यकता थी कि उन्हें ब्राह्मण का बुरा पन दिखाने के लिए कुछ तरीके खोजने की।
बीरबल ने उन बच्चों को साहसिकता से संबोधित किया और उन्हें बताया कि ब्राह्मण को अगर पंडितजी कहकर पुकारा जाए तो वह खुश नहीं होते। यह उन्हें अपमानित महसूस कराता है।
उन छोटे बच्चों ने इस बात को अपने सभी दोस्तों के साथ साझा किया और सभी ने मिलकर इस बात का प्रसार किया कि ब्राह्मण को अगर पंडितजी कहकर पुकारेंगे तो उसे दुख होता है।
बच्चे उन्हें पंडितजी कहकर चिढ़ाने लगे और बीरबल के कहे अनुसार ब्राह्मण उनका जवाब चिल्ला कर देने लगा।
बच्चों ने यह बात आस-पास फैला दी और सब उन्हें पंडितजी कहकर बुलाने लगा। तो खेल तो खत्म हो गया लेकिन नाम रह गया।
इस तरह ब्राह्मण ने बीरबल की मदद से जो उन्हें चाहिए था वो प्राप्त कर लिया।बीरबल की चालाकी की वजह से बच्चे भी खुश और ब्राह्मण भी खुश हो गया।
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