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बदलाव – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

बदलाव – Short Story In Hindi

ये कहानी है जीवन के बदलाव के बारे में । उम्र बढ़ने पर न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य में परिवर्तन (बदलाव ) आता है बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य में भी बदलाव आता है । मानसिक स्वास्थ्य मतलब की उम्र बढ़ने के साथ हमारी सोच भी बदल जाती है ।

एक दिन दादाजी घर में उदास बैठे थे । दादाजी को उदास बैठे देखकर बच्चे ने पूछ ही लिया की “क्या बात है दादाजी आप इतने उदास क्यों हो ? ”

दादाजी ने कहा बेटा कुछ नहीं बस यूँही अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोच रहा था । बच्चे ने कहा दादाजी मुझे भी बताओ अपनी जिंदगी के बारे में ।

दादाजी थोड़ी देर सोचते रहे और फिर उन्होंने कहा की , जब में छोटा था तब मेरे ऊपर किसी भी प्रकार की जिम्मेदारिया नहीं थी और मेरी कल्पनाओं की भी कोई सीमा नहीं थी । में तब दुनिया बदलने के बारे में सोच रहा था ।

जब में थोड़ा बड़ा हुआ तब मेरे में पहले से ज्यादा बुद्धि बढ़ गयी थी और उसके साथ ही मेरी सोच भी बदलने लगी थी । में सोचने लगा की दुनिया बदलना तो बहुत मुश्किल है । इसलिए मेने मेरे लक्ष्य को थोड़ा छोटा कर दिया और मेने ये सोचा की में दुनिया नहीं बल्कि सिर्फ अपने देश को बदलूंगा ।

में थोड़ा और बड़ा हुआ और समय भी बीता तब मुझे अपने देश को बदलना भी मुश्किल लग रहा था । मेने सोचा की देश में बदलाव लाना कोई मामूली बात नहीं है और मेने अपना लक्ष्य और भी छोटा कर दिया ।

मेने अब तय किया की में सिर्फ अपने परिवार और करीबी लोगो को बदलूंगा । पर समय बीतता चला गया और अफ़सोस में वो भी नहीं कर पाया ।

अब तो में सिर्फ इस दुनिया में कुछ ही दिनों का मेहमान रहा हु । आज मुझे ये एहसास होता है की अगर मेने केवल ख़ुद को बदलने का सोचा होता तो में ऐसा जरूर कर पाता और शायद मुझे देखकर मेरा परिवार भी बदल जाता और उनसे प्रेरणा लेकर देश भी बदल जाता और तब शायद में इस दुनिया को भी बदल पाता ।

इतना बोलते बोलते दादाजी की आँखें नम हो जाती है और वो अंत में बच्चे से बोले की तुम बेटा ऐसी गलती मत करना । तुम कुछ और बदलने से पहले स्वयं अपने आप को बदलना । अगर तुम अपने आप को बदलोगे तो दुनिया अपने आप बदल जाएगी ।

वैसे तो हम सभी में दुनिया बदलने की ताकत होती है पर उसकी शुरुआत ख़ुद से ही करनी होती है । अगर हमें दुनिया में बदलाव देखना है तो हमें सबसे पहले अपने आप को ही बदलना होगा । हमें अपने आप को और भी बेहतर बनाना होगा और अपने रवैये को सकारात्मक बनाना होगा ।

जो चीज़ हम दुसरो में बदलना चाहते है वो हमें पहले ख़ुद अपने आप में बदलनी होगी । हम तभी दुसरो को बदलने में कामयाब रहेंगे ।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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