Kids Panchtantra Short Stories

बंदर और कील – Short Panchtantra Story In Hindi

bandar-aur-keel-short-panchtantra-story-in-hindi
Written by Abhishri vithalani

बंदर और कील – Short Panchtantra Story In Hindi

कुछ लोग दुसरो के काम में हर वक्त बिच में ही आते है और ऐसा करने से उनका फायदा तो नहीं होता है लेकिन उन्हें नुकशान भुगतना पड़ता है , इसलिए दुसरो के काम में हमें बिच में नहीं आना चाहिए। जो लोग दुसरो के काम में बिच में आते है उसे अवश्य ही दुःख मिलता है। इस कहानी (बंदर और कील – Short Panchtantra Story In Hindi) में भी कुछ ऐसा ही होता है।

एक बार एक व्यापारी ने अपने बगीचे में एक मंदिर बनाने के लिए कई बढ़ई और राजमिस्त्री को काम पर लगाया था। नियमित रूप से, वे सब सुबह काम शुरू करते थे और मध्याह्न भोजन के लिए विराम लेते थे और शाम तक काम पर लौट आते थे।

एक दिन बंदरों का एक समूह उस बगीचे की तरफ पंहुचा जहा ये मंदिर बनाने का काम चल रहा था। उन सभी बंदरो ने श्रमिकों को मध्याह्न भोजन के लिए जाते हुए देखा।

एक बढ़ई लकड़ी के एक विशाल लट्ठे को काट रहा था। चूँकि, यह केवल आधा-अधूरा ही था इसलिए उस बढ़ई ने उस लट्ठे को बंद होने से रोकने के लिए बीच में एक कील लगा दी। इसके बाद वह अन्य कार्यकर्ताओं के साथ भोजन के लिए चला गया।

जब सभी मजदूर चले गए, तो बंदर पेड़ों से नीचे आ गए और जहा ये काम चल रहा था उसके चारों ओर कूदने लगे और वाद्य यंत्रों के साथ खेलने लगे।

उन सभी बंदरो में से एक बंदर था, जिसे लट्ठों के बीच जो बढ़ई ने कील रखी थी उसके बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। वह लट्ठे पर बैठ गया और खुद को आधे कटे लट्ठे के बीच में रखकर कील को पकड़ लिया और उसे खींचने लगा।

अचानक, कील बाहर आ गई। परिणामस्वरूप, आधा टूटा हुआ लट्ठा अंदर बंद हो गया और बंदर लट्ठे की दरार में फंस गया।

जैसा कि उसकी नियति थी, वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

इसलिए किसी ने सही कहा है की , जो व्यक्ति दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप करता है, वह अवश्य ही दुःख पाता है।

हमें कभी भी दुसरो के काम में बिच में टांग नहीं अडानी चाहिए । दुसरो के काम में बिच में आने से अक्सर हमारा ही नुकसान होता है। इसलिए आप अपना काम शांति से कीजिये और दुसरो को उनका काम शांति से करने दीजिये।

अगर आपको हमारी Story (बंदर और कील – Short Panchtantra Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

Leave a Comment