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अपना अपना भाग्य – Short Kahani In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

अपना अपना भाग्य – Short Kahani In Hindi

हमारे भाग्य में जो लिखा में वो हमसे कोई छीन नहीं सकता, वह हमें मिलकर ही रहेगा। अगर हमारे भाग्य में लिखा होगा हम इतने समय तक जीवित रहने वाले है तो किसी की भी ताकत नहीं है की हमें उससे पहले मार सके। हमें हमारे कर्म और भाग्य के हिसाब से ही सब कुछ मिलता है। ये कहानी ( अपना अपना भाग्य – Short Kahani In Hindi ) में भी उसी के बारे में बात की गयी है।

एक किसान था। उसके पास एक बकरा और दो बैल थे। दोनों बैलों से वह खेत जोतने का काम करवाता था। दोनों बैल दिन भर कड़ी मेहनत करके खेतो की जुताई करते थे और बकरा दिन भर इधर उधर घूमकर हरी – हरी घास चरता रहता था।

बकरा खा पीकर काफी मोटा तगड़ा हो गया था। यह देखकर बैल सोचते की इस बकरे के तो मजे है। कुछ काम करता तो नहीं है और ऊपर से सारा दिन इधर उधर घूमकर खाता रहता है।

दूसरी तरफ बकरा बैलों की हालत देखता तो उसे भी बड़ा दुःख होता की बेचारे बैल सारा दिन हल में जुते रहते है और हमारा मालिक है की इनकी तरफ पूरी तरह से ध्यान नहीं देता।

एक दिन दोनों बैल खेत जोत रहे थे। बकरा भी वही खेतो के पास घास चर रहा था। उन दोनों बैलों को खेत जोतने में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। वो दोनों हांफ रहे थे। ये देखकर बकरा बोला, भाइयो, तुम दोनों को दिन भर खेतो में कड़ी मेहनत करते देखकर मुझे बहुत दुःख होता है।

बकरा बोला किन्तु में क्या कर सकता हु? यह तो तुम्हारे भाग्य का खेल है। मुझे देखो मेरे पास दिन भर चरने के अलावा और कोई काम ही नहीं होता है। दिन भर मै इधर – उधर मैदानों में चरता रहता हु। किसान की पत्नी खुद खेतो में जाती है और मेरे लिए हरी पत्तिया और घास लेकर आती है।

तुम दोनों तो मुझसे ईष्या करते होंगे। दोनों बैल चुपचाप बकरे की बाते सुनते रहे। जब वह शाम को खेतो में से काम करके वापस आए तो उन्होंने देखा की किसान की पत्नी किसी कसाई से धन लेकर उसे वह बकरा बेच रही थी।

दोनों बैलों की आँखों में आंसू भर आए। बेचारे कर भी क्या सकते थे। उनमे से एक धीमे स्वर में बोला, मुझे लगत है की तुम्हारे भाग्य में यही लिखा था।

हमारे भाग्य में जो लिखा में वो हमसे कोई छीन नहीं सकता। जो भी हमारे भाग्य में लिखा होता है वह हमें मिलकर ही रहता है चाहे वो अच्छा हो या फिर बुरा।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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