भूतिया ढाबा – Horror Story In Hindi
हमें अपने गुजरे हुए कार्यों को भूल जाना चाहिए, नहीं तो वो हमें हमेशा डराते रहेंगे। इस कहानी (भूतिया ढाबा – Horror Story In Hindi) में यही बताया गया है।
एक दिन बच्चों ने पिकनिक की योजना बनाई। इस सुखद समाचार के साथ ही दीपिका की रूह में थोड़ा डर और उत्तेजना हुई, क्योंकि उसे एक पुरानी कहानी याद आ गई।
यह कहानी कुछ साल पहले की है, जब दीपिका 8वीं कक्षा में थी। एक दिन, उनके टीचर ने पिकनिक का प्लान बनाया और दीपिका ने भी खुशी-खुशी हां कर दी, जैसे कि उसके दोस्तों ने कहा। इस पिकनिक का स्थल पावागढ़ था, और पूरे स्कूल के बच्चे इसमें शामिल हो रहे थे। इसके लिए, करीब 15बसें तैयार थीं, जो सभी बच्चों को यात्रा कराने के लिए उपलब्ध थीं।
दीपिका और उसके दोस्त सबसे पीछे की बस में बैठ गए। वे सब मिलकर हंसते-मुस्कुराते बस में सवार थे। तब एक डरावनी घटना घटी, जब वे कुछ दूर के जंगल के पास पहुंचे। बस के ड्राइवर ने अचानक बस को रुका दिया, क्योंकि एक टायर बदलने की आवश्यकता थी।
ड्राइवर ने बाहर निकलकर देखा कि टायर फट गया है। वह तुरंत बस को सुरक्षित रूप से बाहर ले आया और बच्चों से कहा कि टायर बदलने में लगभग दो घंटे लगेंगे, इसलिए वे ढाबे में जा सकते हैं, जहां वे गर्म चाय पी सकते हैं। उन्होंने सभी को साथ में रहने की सलाह दी।
बच्चे उतरकर पास के ढाबे पहुंचे, जहां एक बूढ़ा आदमी चाय बना रहा था। इस रात को छोड़कर ढाबा सामान्यत: खुला हुआ था, और किसी भी व्यक्ति को चाय बनाते देखकर सभी हैरान थे।
बूढ़े आदमी ने कहा, “आप सभी चाय पी लो। यहाँ पर अक्सर लोगों की गाड़ी खराब हो जाती है, इसलिए मैं अपना ढाबा हमेशा खुला रखता हूँ, जिससे यात्रीगण को मदद मिल सके।”
इसे सुनकर सब ने चाय का ऑर्डर दिया, और बूढ़े ने जल्दी से सभी के लिए चाय बना कर मेज पर रख दी। चाय पीते समय, दीपिका की नजरें धीरे-धीरे ढाबे की छत की ओर बढ़ी, जहां उसने एक औरत को सफेद साड़ी में, खुले बालों के साथ, हँसते हुए देखा। थोड़ी देर बाद, वह औरत जोर-जोर से हँसने लगी, हालांकि उसकी हँसी की आवाज किसी ने नहीं सुनी, लेकिन दीपिका ने उसे हँसते हुए देखा।
इसे देखकर दीपिका ने बड़ा डरावना महसूस किया, और वह कुछ क्षणों के लिए नीचे झुक गई। उसने चाय पीना दोबारा शुरू किया, लेकिन तभी जंगल की ओर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई। ढाबे में बैठे हुए सभी बच्चे और टीचर ने उस चिल्लाने की ओर देखा, और उनको डर लग गया। उनकी डरी हुई नजरों को देखकर, बूढ़े आदमी ने कहा कि वह जाकर देखता है कि क्या हो रहा है। उन्होंने सभी को कहा कि वे यहीं बैठे रहें, और उसने आवाज की ओर बढ़ते हुए जंगल की ओर बढ़ लिया।
तब एक लड़की को खून की उल्टी हो रही थी। इस घटना को देखकर सभी के होश उड़ गए, लेकिन उनका डर बढ़ गया। तब एक टीचर ने कहा कि सभी आग जलाएं और खुद को सुरक्षित रूप से रखने के लिए आग के पास बैठ जाएं। वे सभी मिलकर आग जलाने और एक गोल बनाने लगे, जिसमें वे बैठ गए। टीचर ने सख्ती से कहा कि कोई अकेले नहीं जाएगा, क्योंकि सब बहुत डरे हुए थे और अकेले जाने की हिम्मत नहीं थी।
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आग के पास बैठकर तीन बज गए, और तब बूढ़ा आदमी जंगल से लौटकर आया। उन्होंने सभी की ओर देखकर कहा कि वे उस चिल्लाने को भूल जाएं, नहीं तो वे उस घटना के डर से परेशान रहेंगे। इसके बाद वह ढाबे के अंदर चला गया। तब ड्राइवर भी टायर बदलकर बस लेकर ढाबे के पास पहुंचा, और सभी लोग भगवान का नाम लेते हुए उस बस में बैठ गए।
टीचर ने बस में बैठते ही सभी को कहा कि कोई भी दूसरे से बात नहीं करेगा और सब सीधे सो जाएंगे। टीचर की बात का पालन करते हुए सभी बच्चे बस में ही सो गए। इसके बाद, पिकनिक स्पॉट पर पहुंचकर, वे एक हफ्ते के बाद खुशी-खुशी अपने घर वापस आए, पिकनिक की बेहद यादगार यात्रा के साथ। पिकनिक पर जाने वाले दूसरे बच्चों से उस रात की घटना के बारे में कुछ नहीं कहा, क्योंकि टीचर ने मना किया था। लेकिन, पिकनिक के बाद, सभी ने अपने दोस्तों और दूसरी कक्षाओं के बच्चों को इस डरावनी घटना के बारे में बताया।
Moral : इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने गुजरे हुए कार्यों को भूल जाना चाहिए, नहीं तो वो हमें हमेशा डराते रहेंगे।
Note : ( भूतिया ढाबा – Horror Story In Hindi ) ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए है इसके पीछे हमारा उदेश्य किसी भी प्रकार की अंधश्रध्धा का प्रसार करने का नहीं है ।
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