Moral Short Stories

बुद्धिमान लालची – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

बुद्धिमान लालची – Short Moral Story In Hindi

हमें हमेशा ईमानदारी से ही काम करना चाहिए क्योकि लालच में आकर हम अपना खुद का ही नुकसान कर देते है। ये कहानी (बुद्धिमान लालची – Short Moral Story In Hindi) भी उसी के बारे में है।

एक राजा अपने लिए समझदार और ईमानदार मंत्री की तलाश कर रहे थे। राजा ने कई लोगो का साक्षात्कार लिया लेकिन कोई भी व्यक्ति उन्हें मंत्री बनने के लायक नहीं लगा।

जब ये बात राज्य के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति को पता चली तो वह तुरंत राजमहल में पहुंच गया। राजा से मिलकर उसने कहा की में इस गांव का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति हु और मै आपका मंत्री बनने के काबिल हु।

राजा ने उससे काफी कठिन सवाल किए और उसने समझदारी से सवालों का जवाब दिया। राजा ने उससे अपना मंत्री बना लिया। एक दिन मंत्री को रास्ते में एक बूढ़ा इंसान मिलता है जिसके पास तीन गठरी होती है।

वह बूढ़ा इंसान मंत्री से मदद मांगते हुए कहता है, क्या तुम मेरी एक गठरी उठा सकते हो? ये काफी भारी है। मंत्री उस बुजुर्ग की मदद करने के लिए हां कर देता है और एक गठरी उठा लेता है।

मंत्री बुजुर्ग से पूछता है की आखिर इसमें क्या है जो इतना भारी है? बुजुर्ग ने कहा इस गठरी में सिक्के है। आगे एक नदी आती है जिसे पार करना होता है। बुजुर्ग कहता है की क्या तुम मेरी दूसरी गठरी उठा सकते हो? क्योकि दो गठरी लेकर मै ये नदी पार नहीं कर सकता हु। मंत्री दूसरी गठरी भी उठा लेता है और ये गठरी भी भारी होती है।

बुजुर्ग कहता है की इस दूसरी गठरी में चांदी के सिक्के है। नदी पार करने के बाद एक पहाड़ आता है। बुजुर्ग ने कहा की में गठरी के साथ पहाड़ नहीं चढ़ सकता हु, क्या तुम मेरी तीसरी गठरी भी उठा सकते हो? मंत्री बिना कुछ बोले तीसरी गठरी भी उठा लेता है।

बुजुर्ग पहाड़ चढ़ते हुए उससे कहता है की इस गठरी में सोने के सिक्के है, तुम इसको लेकर मत भागना, में तुम्हारा पीछा नहीं कर सकता हु। थोड़ी दूर जाने के बाद मंत्री सोचता है की अगर ये तीनो गठरी लेकर भाग जाऊ तो में धनवान बन जाऊंगा और ये बुजुर्ग तो मुझे कभी भी पकड़ नहीं पायेगा।

मंत्री तीनो गठरी लेकर भाग जाता है। घर जाकर वह जैसे ही तीनो गठरी खोलता है तो उसमे लोहे के सिक्के होते है। वो हैरान रह जाता है। कुछ देर बाद उसके घर पर वह बुजुर्ग आ जाते है और उससे कहते है की तुमने लालच में आकर मेरी तीनो गठरी चुरा ली।

मंत्री गुस्से से बोलता है की तुमने झूठ क्यों बोला? इन गठरी में तो सोने और चांदी के सिक्के नहीं है! बुजुर्ग हसते हुए अपने असली वेश में आ जाते है। वह बुजुर्ग और कोई नहीं बल्कि राजा होते है।

राजा मंत्री से कहते है की तुम बुद्धिमान थे इसलिए मेने तुम्हे अपना मंत्री नियुक्त किया लेकिन तुम्हारे अंदर ईमानदारी बिलकुल भी नहीं है , इसलिए तुम मेरे मंत्री बनने के लायक नहीं हो। राजा की ये बात सुनकर उसको अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था।

Moral : लालच में आकर हम अपना ही नुकसान कर बैठते है, इसलिए हमेशा ईमनादार रहे।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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