बुरी आदत – Moral Story In Hindi
ये कहानी उन लोगो के लिए है जिन्हे किसी भी प्रकार की बुरी आदत है और वो ऐसा मानते है की कुछ समय के बाद वक्त आने पर में इस आदत को छोड़ दूंगा ।
एक बहुत ही अमीर आदमी था । वो अपने बेटे की किसी बुरी आदत के लिए परेशान था । वो जब भी अपने बेटे को उस आदत को छोड़ने के लिए कहता था तब उसका बेटा कहता था की पापा में अभी तो बहुत ही छोटा हु वक्त आते ही में धीरे – धीरे ये आदत छोड़ दूंगा ! पर उसका बेटा कभी भी उस आदत को छोड़ने का प्रयास नहीं करता था ।
कुछ दिनों के बाद एक महात्मा उसके गाँव में पधारे हुए थे । वो आदमी अपने बेटे को उस महात्मा के पास लेकर गया और महात्मा को अपनी समस्या बताई । महात्मा ने उनसे कहा की आप अपने बेटे को कल सुबह बगीचे में लेकर आइये में वही आपकी समस्या का समाधान करुगा ।
अगले दिन बाप और बेटा दोनों बगीचे में पहुंच गए । महात्मा में बेटे से कहा की आओ बेटा हम दोनों बगीचे की सैर करते है । बगीचे में सैर करते – करते महात्मा अचनाक रुक गए और फिर उन्होंने बेटे से कहा की क्या बेटा तुम इस पौधे को उखाड़ सकते हो ? बेटे ने कहा जी जरूर इनमे कोनसी बड़ी बात है और ऐसा बोलते ही उसने पौधे को बड़ी ही आसानी से उखाड़ दिया ।
जीवन का संघर्ष -Hindi Moral Story
धीरे – धीरे आगे बढ़ते हुए महात्मे ने बड़े पौधे की तरफ इशारा करते हुए बेटे से कहा की क्या तुम इस पौधे को उखाड़ सकते हो ? बेटे को तो इस काम में मजा आ रहा था वो बोला जी बिलकुल उखाड़ सकता हु । इस बार बेटे को ये काम करने में थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी पर कुछ प्रयत्नो के बाद उसने पौधे को उखाड़ ही लिया ।
कुछ देर बाद थोड़ा आगे बढे वो दोनों और फिर महात्मा ने एक नीम के पेड़ की तरफ इशारा करते हुए बेटे से कहा की क्या तुम ये पेड़ को उखाड़ सकते हो ? बेटे ने पेड़ को पकड़ा और फिर जोर – जोर से खींचने लगा । बहुत प्रयत्न करने के बावजूद भी वो पेड़ को नहीं उखाड़ सका । बेटे ने महात्मा से कहा की इस पेड़ को उखड़ना तो असंभव है क्योकि ये पेड़ तो बहुत ज्यादा मजबूत है ।
महात्मा ने बेटे को समजते हुए कहा की बेटा ठीक इसी तरह बुरी आदतों का साथ होता है । जब तब हमारी बुरी आदत नयी होती है तब तक हम उसे आसानी से छोड़ सकते है । जैसे ही हमारी बुरी आदते पुरानी हो जाती है तब उसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है और कही बार तो नामुनकिन हो जाता है ।
Moral : हम अपनी बुरी आदतों को आसानी से छोड़ सकते है जब तक वो नयी होती है । कुछ वक्त के बाद हमारे लिए अपनी पुरानी आदतों को छोड़ना मुश्किल या फिर नामुनकिन हो जाता है ।