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एकाग्रता का महत्व – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

एकाग्रता का महत्व – Short Story In Hindi

ये बात तो हम सभी जानते ही है की कोई भी काम हमें मन लगा के पूरी एकाग्रता के साथ करना चाहिए तभी हम उस काम में सफल हो सकते है । अगर आप एकाग्रता का महत्व नहीं समजेंगे तो फिर आप कोई भी काम आसानी से पूरा नहीं कर पाएंगे ।

ज्यादातर Students के साथ यही होता है की वो पढ़ने बैठते है और उनका ध्यान कोई दूसरी जगह यानि की Smart Phone  , और खेलने में होता है । हम हर बार ऐसा ही बोलते है की में ये कर रहा था तभी मुझे इसने Distract किया ।

वास्तव में होता ऐसा है की हम जो काम कर रहे होते है वो हम एकाग्रता के साथ नहीं करते है । यदि हम कोई भी काम एकाग्रता के साथ करते है तो फिर हमें कोई भी Distract नहीं कर सकता । इस Story  में आज हम एकाग्रता के बारे में बात करने वाले है ।

एक महिला हररोज पूजा करने के लिए मंदिर में जाती थी । लेकिन वो अपनी पूजा सही से नहीं कर पाती थी । वो महिला एक दिन परेशान होकर मंदिर के पुजारी के पास जाती है और उनसे कहती है की कल से में पूजा करने के लिए मंदिर में नहीं आउंगी ।

पुजारी ने उस महिला से पूछा की क्यों ? महिला ने उस पुजारी को कहा की में हररोज मंदिर में आती हु और देखती हु की यहाँ लोग आते है और फ़ोन से अपने व्यपार की बात करते है , कुछ लोग ने तो मंदिर को ही गपसप करने का स्थान बना दिया है और कुछ लोग तो भगवान् की पूजा कम और पाखंड ज्यादा करते है ।

इन सब लोगो से Distract हो कर में अपना मन पूजा में नहीं लगा सकती हु और इसलिए मेने ये तैय किया है की में कल से मंदिर में नहीं आउंगी ।

पुजारी ने उस महिला से पूछा की आप अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या मेरे कहने पर एक काम कर सकती हो ? महिला ने कहा की जी जरूर आप बताईये मुझे क्या करना है ।

पुजारी ने महिला से कहा की आप एक गिलास में पानी भर लीजिये और 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइये लेकिन शर्त यह है की गिलास का पानी गिरना नहीं चाहिए । महिला ने कहा अच्छा ठीक है में वैसा करती हु ।

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थोड़ी ही देर में महिला ने एक गिलास में पानी लेकर वैसा ही कर दिखाया । उसके बाद पुजारी ने महिला से पूछा की क्या आपने मंदिर में किसी को फ़ोन पर बात करते हुए देखा , किसी को पाखंड करते हुए देखा या फिर किसी को मंदिर में गपसप करते हुए देखा ?

महिला ने पुजारी से कहा की जी नहीं मेने कुछ भी नहीं देखा । फिर पुजारी ने कहा की जब आप परिक्रमा लगा रही थी तब आपका पूरा ध्यान गिलास पर ही था की इस में से पानी ना गिर जाये । इसलिए आपको कुछ भी नहीं दिखाई दिया ।

इस गिलास की तरह ही आप अब से जब भी मंदिर में आये तो अपना ध्यान सिर्फ भगवान् में ही लगाना फिर आपको कुछ नहीं दिखाई देगा । आपको दूसरी चीजे तभी दिखाई देती है जब आप उन पर ध्यान देते है और अपने काम में एकाग्रता नहीं रखते है ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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