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गौतम बुद्ध और उनका शिष्य – Inspirational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

गौतम बुद्ध और उनका शिष्य – Inspirational Story In Hindi

आज के ज़माने में जब दिन – प्रतिदिन प्राकृतिक संसाधन कम होते जा रहे है तब हमें कैसे उसका सही से इस्तेमाल करना है , ये कहानी (गौतम बुद्ध और उनका शिष्य – Inspirational Story In Hindi) उसके बारे में है ।

एक दिन गौतम बुद्ध से उनके शिष्य ने कहा की , मेरा आपसे एक निवेदन है । गौतम बुद्ध ने कहा की बताओ तुम्हारा निवेदन क्या है ? शिष्य ने कहा , मेरे वस्त्र पुराने हो गए है , अब वो पहनने लायक भी नहीं रहे । क्या आप मुझे नए वस्त्र देने का कष्ट कर सकते है ?

गौतम बुद्ध ने उनके शिष्य के वस्त्र देखे , सच में वे बहुत पुराने हो गए थे । इसलिए बुद्ध ने एक अन्य शिष्य को आदेश दिया की तुम इन्हे नए वस्त्र दिलवा दो ।

कुछ दिन बाद जब गौतम बुद्ध उस शिष्य से मिले तब उन्होंने उनसे पूछा की , क्या तुम्हे अब अपने नए वस्त्रों में आराम मिल रहा है ? तुम्हे और कुछ तो नहीं चाहिए ना ?

तभी उस शिष्य ने कहा धन्यवाद प्रभु ! मुझे अब इन वस्त्रों में बिलकुल आराम मिल रहा है , मुझे और कुछ भी नहीं चाहिए । गौतम बुद्ध ने शिष्य से पूछा की , अब जब तुम्हारे पास नए वस्त्र है तो तुमने अपने पुराने वस्त्र का क्या किया ?

शिष्य ने कहा प्रभु अब में उसे ओढने के लिए प्रयोग में ले रहा हु । बुद्ध ने कहा तो तुमने अपने पुराने ओढने के लिए जो ओढ़नी रखी थी उसका क्या किया ? शिष्य ने कहा जी मेने उसे खिड़की पर परदे की जगह लगा दिया है ।

गौतम बुद्ध ने फिरसे प्रश्न पूछा तो फिर तुमने पुराने परदे का क्या किया ? तुमने उसे फ़ेंक दिया ? शिष्य ने कहा जी नहीं , मेने पुराने परदे अभी तक फेंके नहीं है । मेने तो उसके चार टुकड़े किये और उनका उपयोग में रसोई में गरम पतीलों को आग से उतारने के लिए कर रहा हूँ ।

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बुद्ध ने पूछा तो फिर तुमने अपने रसॊइ के पुराने कपड़ों का क्या किया ? शिष्य ने कहा अब मैं उन्हें पोछा लगाने के लिए उपयोग में लेने वाला हु । गौतम बुद्ध ने कहा तो फिर तुम्हारे पुराने पोछे का क्या हुआ ?

तब शिष्य ने कहा की प्रभु मेरा पुराना पोछा अब उतना ख़राब हो गया था की उसका कुछ नहीं हो सकता था । इसलिए मेने उस पुराने पोछे का एक – एक धागा अलग कर दिया और उसमे से दिए की बातियाँ तैयार कर लीं, और उन्ही बातियाँ में से एक कल रात आपके कक्ष में प्रकाशित की थी ।

गौतम बुद्ध अपने शिष्य से संतुष्ट थे । वो ये जानकर बहुत खुश थे की उनका शिष्य चीजों को बर्वाद नहीं करता है और उसमे ये भी समज है की चीज़ो का किस तरह से प्रयोग किया जा सकता है ।

आज के ज़माने में जब प्राकृतिक संसाधन दिन – प्रतिदिन कम होते जा रहे तब ऐसे समय में हमें यही कोशिश करनी चाहिए की हम कैसे चीज़ो को बर्बाद होते हुए रोक सकते है और उसका सही से इस्तेमाल कर सकते है । हम सब मिलकर अपने छोटे छोटे प्रयत्नों से और चीज़ो को बबार्द न कर के इस धरा को बचा सकते है ।

अगर आपको हमारी Story ( गौतम बुद्ध और उनका शिष्य – Inspirational Story In Hindi ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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