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इनाम का आधा हिस्सा – Akbar Birbal Story

Written by Abhishri vithalani

इनाम का आधा हिस्सा – Akbar Birbal Story

इस कहानी में हम ये देखने वाले है की बीरबल कैसे अपने इनाम का आधा हिस्सा दरवान को देता है और अकबर बीरबल से खुश हो कर उसको अपने महल में सदैव के लिए रख लेता है ।

अकबर के दरबार में दूर – दूर से कही सारे विद्वान और कलाकार आते थे । वे लोग अपनी कला से अकबर को खुश करते थे और बदले में अकबर से मुँह मांगा इनाम लेते थे ।

अकबर के दरबार की यह बाते सुनकर एक बार बीरबल को भी इसके दरबार में जा के अपना नशीब आजमाने की इच्छा हो गयी । बीरबल पहली बार अकबर के दरबार में जाने वाला था ।

बीरबल जैसे ही अकबर के महल में प्रवेश करता है वैसे ही उसको एक दरवान रोकता है । वो दरवान बीरबल से पूछता है की तुम कहा जा रहे हो ? बीरबल ने बड़े ही विनम्र हो कर बोला की मुझे बादशाह अकबर से मिलना है ।

दरवान ने बोला की क्या आपको पता नहीं है की मुझे खुश करने से पहले कोई भी अंदर महल में प्रवेश नहीं कर सकता । बीरबल ने बोला की अभी इस वक्त तो मेरे पास आप को देने के लिए कुछ भी नहीं है ।

बादशाह अकबर अगर मुझसे खुश होते है और मुझे इनाम में कुछ देते है तो फिर में आपको अपने इनाम का आधा हिस्सा जरूर दूंगा ।

दरवान ने बीरबल को अंदर महल में जाने की अनुमति दी और कहा की वापिस आते समय अपना वचन याद रखना और मुझे अपने इनाम का आधा हिस्सा देना । बीरबल ने कहा जी जरूर याद रखुगा ।

बीरबल इस वक्त पहली बार बादशाह अकबर के दरबार में गया था । पर वो बहुत ही ज्यादा बुद्धिशाली था । उसने अपनी कविताये और बुद्धिचातुर्य की बाते कर के न केवल अकबर बल्कि सारे दरबार को खुश कर दिया ।

अकबर बादशाह ने खुश हो कर बीरबल को इनाम में जो चाहिए वो मांगो ऐसा कहा । बीरबल ने कहा अगर आप मुझसे खुश हो तो फिर मुझे चाबुक के १०० फटके दो ।

बीरबल की ऐसी अजीब बात सुनकर अकबर ने कहा ये तुम क्या बोल रहे हो । तुम मुझसे इनाम में और कुछ मांगो । बीरबल ने कहा जी मुझे इनाम में यही चाहिए । बहुत समजाने के बाद भी बीरबल नहीं समजा और उसने कहा की मुझे इनाम में यही चाहिए ।

आखिर बादशाह अकबर ने बीरबल की बात मानी । अकबर ने अपने एक नौकर को बुलाया और कहा की बीरबल को धीरे से चाबुक के १०० फटके दो । नौकर ने बीरबल को फटके देना शुरू कर दिया ।

जैसे ही ५० फटके पुरे हुए बीरबल ने नौकर को कहा की अब तुम रुक जाओ । मेरा एक भागीदार बहार खड़ा है । मेरे इनाम का आधा हिस्सा मेने उसको देने का वचन दिया है ।

बीरबल की यह बात सुनकर बादशाह अकबर और दरबार में हाजिर सब लोगो को झटका लगा की बीरबल किस भागीदार की बात कर रह है । अकबर ने कहा अंदर बुलावो इस भागीदार को भी ।

बीरबल ने उस दरवान को अंदर बुलाया । जैसे ही वो दरवान अंदर आया की बीरबल ने अकबर से कहा की इस दरवान को मेने वचन दिया था की में अपने इनाम का आधा हिस्सा उसे जरूर दूंगा । बीरबल ने कहा इसलिए मुझे अपना वचन याद रखना चाहिए और में अपने इनाम का आधा हिस्सा उसे देने के लिए तैयार हु ।

इतना सुनते ही बादशाह अकबर सब कुछ समज गए । अकबर को पता चल गया की मेरे इस दरवान ने बीरबल से रिश्वत मांगी थी । इसलिए बीरबल ने उस दरवान को समझाने के लिए ऐसी अजीब इनाम की मांग की ।

बादशाह ने इस दरवान को बाकि के ५० फटके तेज़ी से दो ऐसा आदेश दिया । नौकर ने भी इस दरवान को ५० फटके तेज़ी से मारे ।

बादशाह अकबर बीरबल की इस बात से बहुत ही खुश हो गए और बीरबल को अपने दरबार में सदैव के लिए रख लिया ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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