Inspirational Stories In Hindi For Students
इस Post ( Inspirational Stories In Hindi For Students ) में बच्चो के लिए कुछ Inspirational Stories है।
- त्याग – Short Inspirational Story In Hindi
अपने अस्तित्व को दुसरो के लिए मिटा देने वाले ही संसार मे पूजे जाते है। यह त्याग ही है, जो किसी भी व्यक्ति को लोगो के दिल मे अमर कर देता है। इस कहानी मे भी ऐसे ही एक त्याग के बारे मे बात की गयी है।
बहुत समय पहले की बात है। एक घने और विस्तृत जंगल में तीन बहुत बड़े पहाड़ थे। उस जंगल का अपना कोई नाम नहीं था। ये पहाड़ ही उस जंगल की पहचान थे।
एक बार इंद्रदेव उस जंगल में पधारे। जब उन्हें पता चला की इस स्थान का कोई नाम नहीं है तो उन्होंने तीनो पहाड़ो से कहा की वे इस जगह का नामकरण उनमे से किसी एक के नाम पर ही करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने तीनो को एक – एक वरदान मांगने को कहा और कहा की एक साल के बाद वह पुनः आकर देखेंगे। जिसका प्रभाव सबसे अधिक होगा, उसी के नाम पर इस स्थान को जाना जाएगा।
इंद्रदेव की बात सुनकर पहले पर्वत ने कहा की प्रभु, मुझे इतना बड़ा कर दीजिये की मै हर दिशा से सबको दिखू। इंद्रदेव ने तत्काल उसे विशाल बना दिया।
दूसरे पर्वत ने कहा की प्रभु, मुझे आप हरियाली से भर दीजिये। हर तरह के पेड़ – पौधे आप मेरी सीमा मे लगा दीजिये। इंद्रदेव ने उसकी इच्छा अनुसार तुरंत उसे हरा – भरा कर दिया।
इसके बाद तीसरे पहाड़ की बारी आई। उसने वरदान मांगा की प्रभु, आप मुझे समाप्त कर दीजिये, एकदम समतल कर दीजिये, ताकि लोग मुझ पर बस सके। इंद्रदेव ने ठीक वैसा ही किया। तीनो को वरदान देकर इंद्रदेव स्वर्गलोक चले गए।
एक साल के बाद इंद्रदेव वापस उस स्थान पर आए। उन्होंने देखा की सबसे बड़ा पहाड़ सूखा पड़ा है। दूसरा पहाड़ अपनी हरियाली के कारण ढेरो जानवरो और पक्षियों का घर बन चूका है।
इसी के साथ जब उन्होंने तीसरे पहाड़ की तरफ देखा, तो उन्होंने पाया की वहा इंसानो की पूरी बस्ती बस चुकी है। सभी लोग उस स्थान पर बहुत सुखी है और आनंद मंगल मे जीवन बीता रहे है। हर तरफ उल्लास है, जीवन के रंग बिखरे है, मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।
बहुत ही स्वाभाविक बात है की इंद्रदेव ने उस तीसरे पहाड़ के नाम पर ही उस स्थान का नामकरण कर दिया। वह पहाड़ अब कही नहीं था, पर स्वयं को मिटाकर वह लोगो के जीवन मे उतर आया था।
यही संसार मे नाम कमाने, महान बनने की एकमात्र राह है। अपने अस्तित्व को दुसरो के लिए मिटा देने वाले ही संसार मे पूजे जाते है। यह त्याग ही है, जो किसी भी व्यक्ति को लोगो के दिल मे अमर कर देता है।
- काल्पनिक समस्या
किसी भी समस्या का हल करने से पहले ये जाँच लेना बहुत ही जरुरी है कि क्या आप जिस समस्या का हल करने वाले हो वह समस्या वास्तव में है? कई बार ऐसा होता है कि वास्तव में कोई समस्या होती ही नहीं है और हम उसे हल करने में हमारा कीमती समय बर्बाद कर देते है। ज्यादातर लोग कल्पनाओ में खोए रहते है और दुखी होते रहते है। ये कहानी (काल्पनिक समस्या) भी उसी के बारे में है।
एक राजा ने बहुत ही सुंदर महल बनवाया और महल के मुख्य द्वार पर एक गणित का सूत्र लिखवाया और एक घोषणा की, कि इस सूत्र से यह द्वार खुल जाएगा। साथ ही साथ राजा ने यह भी घोषणा करवाई कि जो भी इस सूत्र को हल करके द्वार खोलेगा, में उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दूंगा।
राज्य के बड़े – बड़े गणितज्ञ आए और सूत्र देखकर लौट गए। किसी को कुछ भी समज में नहीं आ रहा था। आखिरी दिन आ चूका था, उस दिन तीन लोग आए और कहने लगे कि हम लोग इस सूत्र को हल कर देंगे।
उसमे से दो तो दूसरे राज्य के बड़े भारी गणितज्ञ थे और अपने साथ पुराने गणित के सूत्रों कि पुस्तक भी लाए थे। लेकिन एक व्यक्ति जो कि साधक कि तरह नजर आ रहा था, सीधा – साधा, कुछ भी अपने साथ नहीं लाया था। उसने कहा में यहाँ बैठा हु पहले आप इन्हे मौका दीजिये।
दोनों गहराई से सूत्र हल करने में लग गए। लेकिन उन दोनों में से कोई भी द्वार नहीं खोल पाया और वह दोनों अपनी हार मान बैठे। अंत में उस साधक को बुलाया गया और उनसे कहा कि आप इस सूत्र को हल करिए।
साधक ने आँखे खोली और सहज मुस्कान से द्वार कि ओर गया। साधक ने धीरे से द्वार को धकेला, और ये क्या? द्वार तो तुरंत खुल गया!
राजा ने साधक से पूछा कि आपने ऐसा क्या किया कि उससे द्वार तुरंत खुल गया? साधक ने बताया कि जब वह ध्यान में बैठा था तब सबसे पहले उसके मन से आवाज आयी कि पहले ये जाँच तो कर लो कि सूत्र है भी या नहीं ! इसके बाद इसे हल करने कि सोचना।
कई बार हमारे जीवन में कोई समस्या होती ही नहीं और हम अपने विचारो से उसे बड़ा बना लेते है। ज्यादातर लोग कल्पनाओ में खोए रहते है और दुखी होते रहते है।
इसलिए कोई भी समस्या का हल करने से पहले ये अच्छी तरह जाँच लेना चाहिए कि वास्तव में वह समस्या है भी कि नहीं। क्योकि कई बार हम कल्पनाओ में खोए रहते है और कोई समस्या ना होने के बावजूद भी हम दुखी रहते है।
- कुदरत के दो रास्ते
ये बात तो हम सभी को पता है की मनुष्य इस दुनिया में आते समय कोई संपत्ति नहीं लेकर आता है और जाते समय भी कोई संपत्ति लेकर नहीं जाता है। हमें मरते समय या तो देकर जाना पड़ता है या फिर छोड़कर जाना पड़ता है, क्योकि साथ में ले जाने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। ये कहानी (कुदरत के दो रास्ते) भी उसी के बारे में है।
एक शाम को श्मशाम में एक समाधि पर अपना बेग फेंककर एक बच्चा समाधि के पास बैठा शिकायत करने लगा। उठो ना पापा टीचर ने कहा है की कल तक Fees लेकर आना नहीं तो अपने पापा को लेकर आना।
ये सुनकर बराबर की समाधि के पास खड़ा एक आदमी फ़ोन पर किसी फूल वाले से हजारो रुपयों की फूलो की चादर लेने के लिए बात करते करते रुक गया।
वो कुछ सोचने के बाद फ़ोन पर बोला की आर्डर Cancel कर दो। फूल नहीं चाहिए भाई। मुझे फूल इधर ही मिल गए है। उस आदमी ने वो पैसे उस बच्चे के हाथ में रखे और बोला की बेटा ये लो ये पैसे तुम्हारे पापा ने भेजे है। कल स्कूल में जमा करा देना। Read More..
Read Other Inspirational Stories In Hindi For Students :
- ग्रंथो का महत्व – Short Inspirational Story In Hindi
- दूसरों का मजाक मत उड़ाओ
- मैले कपड़े
- झूठ लेकिन इरादा नेक
- जीवनसाथी
- व्यवस्था
- व्यापार में कोई दया नहीं होती
- गौतम बुद्ध और उनका शिष्य
- मदद
अगर आपको हमारी Stories ( Inspirational Stories In Hindi For Students ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये Stories ( Inspirational Stories In Hindi For Students )।