Moral Short Stories

जहरीली विचारधारा – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

जहरीली विचारधारा – Short Moral Story In Hindi

इंसान जिस तरह का विचार रखता है, उसके शरीर कि प्रतिक्रिया भी उसी हिसाब से होती है। इसलिए हमें हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। नकारात्मक सोचने कि वजह से कितना नुकसान होता है ये इस कहानी (जहरीली विचारधारा – Short Moral Story In Hindi) में बताया गया है।

एक समय की बात है, शैतानगढ गांव में रामलाल नाम का बहुत ही भयानक डाकू रहता था। पुरे गांव के लोगो के दिमाग में एक बात बैठ गयी थी की इसे मारना तो दूर की बात है हम उसके सामने नजर उठाकर भी नहीं देख सकते।

एक दिन अचानक सुबह – सुबह सभी गांव वासियो को खबर मिली की रामलाल की मुर्त्यु हो गयी है। सभी गांव के लोग रामलाल के शव को देख कर आश्चर्यचकित हो गए कि यह कैसे हो सकता है?

वैद्य को बुलाया गया, तब पता चला कि रामलाल कि मृत्यु सांप के काटने कि वजह से हुई है। उसके पुरे शरीर में सांप का जहर फ़ैल गया है और उसी कि वजह से उसका निधन हो गया।

उसी समय वहा एक बुजुर्ग ज्योतिषी आया और दावा करने लगा कि रामलाल कि मृत्यु सांप के काटने से नहीं हुई है। वह ज्योतिष कहने लगा कि मै कल रात को रामलाल के साथ था और मेरी आँखों के सामने रामलाल कि मृत्यु हुई है तो मै इस बात को दावे से कह सकता हु कि उसे सांप ने नहीं काटा है।

तभी सब लोग उसे कहते है कि ज्योतिषी जी, आप हमें सच बताईये कि रामलाल कि मृत्यु कैसे हुई है? ज्योतिषी ने कहा, एक महीने पहले रामलाल मेरे पास आया था क्योकि उसे जानना था कि वह कितने साल तक जीवित रहेगा।

तब मैंने मजाक – मजाक में उसे कहा था कि ठीक एक महीने बाद रात के 12:30 बजे एक जहरीला सांप तुम्हे काटेगा और तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। एक महीने के बाद रात 12:30 बजे अपने आप को उस जहरीले सांप से बचा लिया तो आप मृत्यु पर विजय पा लोगे।

करीबन महीने भर वह बेचैन रहा। वह हर दिन सांप के बारे में सोचने लगा। हर पल, हर क्षण, उस जहरीले सांप के बारे में ही विचार करता था, कि में उससे कैसे बच सकता हु?

उस दिन कहा छुप सकता हु जहा सांप मेरे आस – पास भी नहीं मंडराए। कल रात को जब घडी निकट आ गयी तो रामलाल ने मुझे उसके रक्षा के लिए उसके पास ही रहने का निवेदन किया।

जब 12:30 बजने में 1 मिनट ही बाकी था तो रामलाल कि धड़कन तेज होने लगी। उसने अपने आप को कपडे में लपेट कर खुद को पूरी तरह से छिपा लिया।

उसका 1 सेकंड मानो 1 घंटे कि तरह जा रहा था। जैसे ही रात के 12:30 बजे तो मैंने एक नुकीली सुई उसे चुभा दी। उस समय रामलाल जोर से चीख उठा, जैसे सच में उसे सांप ने काट लिया हो और इसी डर के कारण उसका निधन हुआ।

Moral : इंसान जिस तरह का विचार रखता है, उसके शरीर कि प्रतिक्रिया भी उसी हिसाब से होती है। हर समस्या का समाधान है। लोग नकारत्मक विचारो के बंधन में आकर गलत कदम उठा लेते है। विचारधारा सकारात्मक रखे तो अवश्य ही हमारी प्रतिक्रिया सही दिशा में होगी।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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