जैसी करनी वैसी भरनी – Moral Story In Hindi
वो कहते है ना की जैसी करनी वैसी भरनी । इंसान जैसा काम करता है उसे उसका फल भी वैसा ही मिलता है । अगर आपने अच्छे कर्म किये होंगे तो आपको उसका अच्छा फल मिलेगा और आपने बुरे कर्म किये होंगे तो आपको उसका बुरा फल मिलेगा ।
अगर किसी के साथ कुछ बुरा होता है तो लोग कहते है की इसने पिछले जन्म में जरूर कुछ बुरा किया होगा इसलिए ही उसके साथ ऐसा बुरा हुआ , और अगर किसी के साथ कुछ अच्छा होता है तो लोग कहते है की इसने पिछले जन्म ने जरूर कुछ अच्छा काम किया होगा इसलिए ही इसके साथ आज ये अच्छा हुआ ।
देखा जाए तो आज के ज़माने में इंसान को अपने इस जन्म का हिसाब इसी जन्म में चुकाना पड़ता है क्योकि पहले भगवान् नोटबुक-पेन लेकर के हिसाब करते थे इसलिए उन्हें हिसाब करने में देर लगती थी आज के ज़माने में भगवान् के पास भी लैपटॉप आ गया है तो उन्हें इंसान के कर्म का फल देने में यानि की हिसाब करने में देरी नहीं लगती है । आज की ये कहानी (जैसी करनी वैसी भरनी – Moral Story In Hindi) भी उसी के बारे में है ।
एक बार एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल जाते है । वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं पाया । यमराज ने उस व्यक्ति से पिने के लिए पानी माँगा । उस व्यक्ति ने बिना कुछ सोचे और बिना एक भी क्षण गंवाए यमराज को पानी पीला दिया ।
पानी पिने के बाद यमराज ने उस व्यक्ति को बता दिया की वो उसके प्राण लेने के लिए आये है किन्तु उस व्यक्ति ने यमराज की प्यास बुझाई है इसलिए वो उन्हें अपनी किस्मत बदलने का एक मौका देते है ।
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इतना बोलने के बाद यमराज ने उस व्यक्ति के हाथ में एक डायरी दे दी और उस व्यक्ति से कहा की तुम्हारे पास 10 मिनट का समय है । इस डायरी में तुम जो भी लिखोगे वही सच में हो जायेगा लेकिन ध्यान रखना की तुम्हारे पास केवल 10 मिनट ही है ।
उस व्यक्ति ने डायरी खोलकर देखा की पहले ही पेज पर लिखा था की उसके दोस्त को लॉटरी निकलने वाली है और वो करोड़पति बनने वाला है । वो व्यक्ति ने वहा लिख दिया की उसके दोस्त को लॉटरी न निकले । अगले पेज पर लिखा था की उसका एक रिस्तेदार चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाला है , उसने वहा पर लिख दिया की उसका रिस्तेदार चुनाव हार जाये ।
इसी तरह वो पेज पलटता रहा और अंत में उसे अपना पेज दिखाई दिया । जैसे ही उसने कुछ लिखने के लिए अपना पेन उठाया की यमराज ने उस व्यक्ति के हाथ में से डायरी वापिस ले ली और कहा ली वत्स तुम्हारे 10 मिनट अब ख़तम हो गए है । अब कुछ भी नहीं हो सकता है ।
यमराज ने कहा की तुमने अपना पूरा समय दुसरो का बुरा करने में व्यतीत कर दिया और अपने आप को ही खतरे में दाल दिया । अब तो तुम्हारा अंत निश्चित है । अब तुम्हे कोई नहीं बचा सकता क्योकि तुम अपने आप को ही नहीं बचा पाए ।
यह सुनकर वो व्यक्ति बहुत ज्यादा पछताता है लेकिन अब पछताने से कुछ नहीं हो सकता था क्योकि अब सुनहरा मौका उसके हाथ से निकल चूका था ।
Moral : अगर भगवान् ने आपको कोई शक्ति दी है तो कभी किसी का बुरा न सोचे , और ना ही किसी का बुरा करे । दुसरो का भला करने वाले सदा सुखी और दुसरो का बुरा करने वाले सदा दुखी रहते है ।
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