Moral Short Stories

जीभ कड़वी या मीठी – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

जीभ कड़वी या मीठी – Short Moral Story In Hindi

हमें अपनी जीभ से ठीक तरीके से काम लेना चाहिए क्योकि जीभ पर लगी चोट सबसे जल्दी ठीक हो जाती है पर जीभ से लगी चोट जिंदगी भर ठीक नहीं होती है। इसलिए किसी को कुछ भी कहने से पहले सो बार सोचना चाहिए क्योकि हम बोले हुए शब्द कभी भी वापस ले नहीं सकते है। ये कहानी (जीभ कड़वी या मीठी – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है।

एक राजा था। वह बहुत कड़वा बोलता था। प्रत्येक को गाली, प्रत्येक को ताना, प्रत्येक को धमकी देना उसका रोजिंदा व्यवहार बन गया था। अब स्थिति कुछ ऐसी बन गयी थी कि राजा के आगे कोई कुछ भी बोल नहीं पाता था चाहे वो सही हो या फिर गलत।

एक दिन राजा ने अपने दरबारियों से कहा जो – जो आदमी जिस वस्तु को सबसे अधिक बुरा समझता है, उसे वह मेरे पास लेकर आओ। दूसरे दिन कोई आदमी मल मूत्र उठाकर ले गया, कोई कीचड़, कोई सड़ा हुआ पदार्थ।

इन सभी के बिच एक बुद्धिमान आदमी एक मृत पुरुष कि जीभ काटकर ले गया। राजा ने उस जीभ को देखकर पूछा कि इसमें क्या बुराई है?

उस आदमी ने कहा महाराज सारी बुराइयों का जड़ तो यही है। तलवार के काटे का इलाज है परंतु कड़वी बात से हृदय पर जो घाव हो जाता है उसका कोई इलाज नहीं है। और यह जीभ ही है जो कड़वी बात बोलती है।

राजा को लज्जा अनुभव हुई कि सबसे कड़वा तो मै ही बोलता हु किन्तु वह बिलकुल चुप रहा। दूसरे दिन उसने दरबारियों से कहा कि जिस जिसको जो वस्तु सबसे अधिक अच्छी लगती है, उसको मेरे पास लेकर आओ।

दूसरे दिन कोई आदमी घी लाया, कोई चीनी, कोई शहद तो कोई फूल। किन्तु वो बुद्धिमान आदमी आज भी एक मृतक कि जीभ काटकर लेकर आया।

राजा ने कहा अरे! तू कहता था कि जीभ से अधिक बुरी कोई वस्तु नहीं है तो फिर आज तुझे सबसे अधिक अच्छी वस्तु लाने के लिए कहा तो तू ये जीभ क्यों ले आया?

उस आदमी ने कहा महाराज जीभ सबसे अधिक बुरी वस्तु भी है, और सबसे अधिक अच्छी वस्तु भी है। उस आदमी ने फिर राजा को समझाया कि जब ये मीठा बोलती है, सम्मान से, आदर से, प्यार से बोलती है। जब ये भगवान् का नाम लेती है तो इससे अधिक अच्छी कोई वस्तु नहीं होती है।

दूसरी तरफ जब ये जीभ किसी को गाली देती है, किसी को बुरा कहती है, कड़वा बोलती है और किसी को धमकी देती है तब इससे अधिक बुरी वस्तु और कोई नहीं होती है।

राजा उस आदमी कि बात को अच्छे से समझ गया और उसने अपनी भाषा में सुधार किया।

हमें अपनी जीभ से ठीक तरीके से काम लेना चाहिए क्योकि जीभ पर लगी चोट सबसे जल्दी ठीक हो जाती है पर जीभ से लगी चोट जिंदगी भर ठीक नहीं होती है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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