झगड़ा – Short Inspirational Story In Hindi
क्या आपका भी हमेशा किसी न किसी से झगड़ा होता रहता है ? आपको भी नहीं पता की हमेशा हमारे घर में झगड़ा क्यों चलता रहता है ? अगर आप का जवाब है हाँ, तो फिर ये कहानी (झगड़ा – Short Inspirational Story In Hindi) आप के लिए ही है ।
दो परिवार थे । ये दोनों एक दूसरे के पड़ोस में ही रहते थे । उन दोनों परिवार में से एक परिवार हमेशा लड़ता – झगड़ता था , वही दूसरा परिवार शांति से रहता था ।
एक दिन झगड़ालू परिवार की पत्नी , जो दूसरा परिवार शांति से रहता था उससे ईर्ष्या करते हुए अपने पति से कहती है की, आप एक दिन हमारे जो पडोसी है उसके घर पर जाके देखो की आखिर वो सब इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए क्या करते है ?
पत्नी की बात मानते हुए पति अपने पडोसी के घर पर लोगो का व्यवहार छुप के चुपचाप देखने के लिए गया । उसने देखा की एक औरत फर्श पर पोछा लगा रही है । तभी अचानक रसोईघर में से कुछ आवाज आने की वजह से वो रसोईघर में चली जाती है ।
तभी उस औरत का पति एक Room में से बाहर निकलकर दूसरे Room की ओर जाता है । उसके पति का ध्यान नहीं रहने के कारण फर्श पर रखी बाल्टी से ठोकर लगती है और बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फेल जाता है ।
उतने में ही उसकी पत्नी रसोईघर में से बाहर आती है और अपने पति से बोलती है की , I am sorry। ये मेरी गलती थी कि मेने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया ।
पति ने जवाब दिया, नहीं डार्लिंग, I am sorry । क्योकि मेने इस पर ध्यान ही नहीं दिया । अब झगड़ालू परिवार का पति जो छिप कर ये सब देख रहा था वो वापिस अपने घर आ जाता है ।
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पति के घर वापिस लौटते ही पत्नी उससे पडोसी की खुशहाली का राज पूछने लगती है । पति ने उसे जवाब दिया की , उन परिवार में और हमारे परिवार में सिर्फ इतना ही अंतर है की , हम हमेशा खुद सही होने कि कोशिश करते हैं और वो लोग हमेशा हर चीज़ के लिए खुद जिम्मेदार बनते हैं और अपनी गलती मानने के लिए तैयार रहते हैं ।
आप जब अपना अहंकार त्याग देते है और सामने वाले के सामने अपनी गलती मान लेते है, तब आप एक बिनजरूरी झगड़े को तालने में सफल होते हो । बिनजरूरी बातो को लेकर झगड़ा करने से नुकशान चाहे किसी का भी हो किन्तु फायदा किसी का नहीं होता है ।
बात चाहे छोटी ही क्यों न हो , बिनजरूरी क्यों न हो किन्तु झगड़ा तो हमेशा होता ही है, क्योकि वो तो अहंकार के कारण ही होता है ।
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