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जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है

Written by Abhishri vithalani

जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है

ये कहानी उन लोगो के लिए है जिसको अपने साथ जो कुछ भी होता है वो बुरा ही लगता है । हमारी जिंदगी में जो होता है वो  अच्छे के लिए ही होता है ऐसा सोचना चाहिए । भगवान सब कुछ सोच समझकर की करते है ।

एक मालिक था । वो व्यापार कर रहा था और उसका व्यापार बहुत ही अच्छा चल रहा था । उसका एक विश्वासु नौकर था । वो नौकर अपने काम से काम रखता था और ज्यादा कुछ बोलता भी नहीं था ।

एक दिन वो नौकर काम पर नहीं आया । उसके मालिक ने सोचा की वो पिछले १० साल से यहाँ पर काम कर रहा है और उसने कभी पगार बढ़ाने की बात भी नहीं की है । वो बहुत ही ईमानदार भी है ।

मालिक को लगा की सायद उसे अपना पगार कम लग रहा है इसलिए वो आज काम पर नहीं आया । ऐसा सोच के मालिक ने उसका पगार बढ़ा दिया ।

दूसरे दिन वो नौकर काम करने आया । उसे अजीब लगा और पता भी नहीं था की मेरे मालिक ने मेरी पगार क्यों बढ़ा दी है । वो वैसे ही काम करता रहा जैसे पहले करता था ।

तीन – चार महीनो के बाद फिर से वो नौकर काम पर नहीं आया । वो बिना बताये ही काम पर नहीं आया था । इस बार उसके मालिक को ये बात पसंद नहीं आयी । मालिक ने सोचा की उसका पगार बढ़ाने के बावजूद भी वे काम पर नहीं आया ।

मालिक ने इस बार उसका पगार जितना बढ़ाया था उतना ही कम कर दिया । पगार कम करने के दूसरे ही दिन वे काम पर आया । इसबार भी वो वैसे ही काम कर रहा था जैसे वो पहले करता था ।

ये सब देखकर मालिक को आश्चर्य हुआ की ये कुछ बोल क्यों नहीं रहा है । मालिक ने शाम को अपने नौकर को बुलाया और पूछा की पहले मेने तेरा पगार बढ़ाया था तब तू कुछ भी नहीं बोला । मेने तेरा पगार कम कर दिया फिर भी तू क्यों कुछ नहीं बोलता । आखिर बात क्या है ?

नौकर ने बड़े ही शांति से बोला की मालिक पहले जब में काम पर नहीं आया था तब मेरे घर पर बेटी का जन्म हुआ था । उस वक्त भगवान ने आपको मेरा पगार बढ़ाने की प्रेरणा दी थी क्योकि घर का खर्च पहले से बढ़ने वाला था । इस वजह से आपने मेरा पगार बढ़ाया था ।

दूसरी बार जब में काम पर नहीं आया था तब मेरे पिताजी की मृत्यु हो गयी थी । भगवान को लगा होगा की एक व्यक्ति का खर्च कम हो गया है । इसलिए आपको मेरा पगार कम करने की प्रेरणा दी । मेरे पिताजी के नशीब में को लिखा था वो मिलना कम हो गया ।

भगवान जो करते है वो सोच समझकर ही करते है । इसलिए हमारे साथ जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है हमें ऐसा ही सोचना चाहिए । नौकर की ये बात सुनकर मालिक ने उसे कहा की तेरी बात बिलकुल सच है । आज से तू मेरा नौकर नहीं पर मेरे परिवार का ही हिस्सा हो । मालिक ने नौकर की पगार दुगनी कर दी ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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