कर्म – Moral Story In Hindi
ये Story कर्म के बारे में है । आखिर में हमें हमारे कर्म ही काम आते है । जिसने अच्छा कर्म किया होता है उसके साथ अच्छा होता है और बुरे कर्म करनेवाले लोगो के साथ बुरा होता है ।
एक राजा था । वो अपने राज्य में राज करता था । उसने अपने राज्य के लोगो को धोखा देकर उन लोगो से बहुत सारी दौलत हड़प ली थी । उस राजा ने सारी दौलत इकट्ठा करके अपने राज्य से थोड़े दूर एक जंगल में अपनी खूफ़िया जगह पर छुपा दी थी ।
उस खूफ़िया जगह में राजा ने जो खजाना छुपाया था उसकी सिर्फ दो चाबी थी । एक चाबी राजा अपने पास रखता था और दूसरी चाबी उसने अपने एक खास मंत्री को दी थी । इन दोनों के अलावा इस खजाने के बारे में और किसी को कुछ भी पता नहीं था ।
एक दिन राजा किसी को भी बिना बताये अकेले अपनी इस ख़ुफ़िया जगह पर चला जाता है । वो अपने खास मंत्री को भी नहीं बताता है की में जंगल में इस ख़ुफ़िया जगह पर जा रहा हु । राजा वहा पर जाकर अपने खजाने को देख कर बहुत ज्यादा खुश हो जाता है ।
सोने – चांदी की चमक देखकर वो बहुत खुश होता है । उसी समय मंत्री भी उसी रास्ते से गुजर रहा था और उसकी नजर अचानक उस ख़ुफ़िया जगह पर पड़ती है । वो देखता है की दरवाजा तो खुला ही रह गया है । दरवाजे को ऐसे खुला देखकर मंत्री हैरान हो गया ।
फिर मंत्री को याद आता है की कल रात में जब खजाना देखने आया था तभी सायद गलती से दरवाजा खुला रह गया होगा । मंत्री जल्दी से वो दरवाजा बहार से बंद कर देता है और वहा से चला जाता है ।
राजा जब अपना सारा खजाना देखने के बाद संतुष्ट होता है तभी उसकी नजर दरवाजे की और पड़ती है । वो देखता है की दरवाजा तो बहार से बंद है । उसने जोर – जोर से दरवाजा खटखटाया । लेकिन राजा की आवाज उस जंगल में सुनने वाला कोई भी नहीं था ।
राजा बहुत चिल्ला – चिल्ला के मदद मांग रहा था , लेकिन उसकी मदद करने वाला कोई भी नहीं था । थोड़ी देर के बाद राजा को भूख और प्यास भी लगती है । लेकिन अफ़सोस ये सोने – चांदी का खजाना राजा की भूख और प्यास नहीं मिटा पाता है । इस ख़ुफ़िया जगह में ऐसे बंद हो जाने के कारण वो पागल जैसा हो जाता है ।
राजा को अब ऐसा महसूस हो रहा था की मेरी सारी जिंदगी की कमाई मुझे एक गिलास पानी और एक वक्त का खाना भी नहीं दे सकती है । वो पानी और खाना न मिलने के कारण बेहोश हो जाता है ।
वो सारी दुनिया को एक सन्देश देना चाहता था लेकिन उसके पास कागज और कलम नहीं थे । उसने वहा पर जो पत्थर पड़ा था उसको उठाया और उस पत्थर से अपनी ऊँगली फोड़ दी । अपनी ऊँगली से जो खून निकल रहा था उससे उसने दीवाल पर कुछ लिखा ।
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राज्य में मंत्री और बाकि सब लोग राजा को ढूंढ रहे थे । राजा ने किसी को भी कुछ नहीं बताया था उस वजह से वो सभी राजा को ढूंढने में असफल रहे । अब बहुत दिन हो चुके थे लेकिन राजा अभी तक नहीं मिला था ।
बहुत दिन तक राजा न मिला तो जो राजा का खास मंत्री था वो राजा के खजाने को देखने के लिए चला जाता है । वो जंगल में जाता है और उस ख़ुफ़िया जगह पर जाकर दरवाजा खोलता है । जब वह दरवाजा खोलता है तभी उसे अजीब सी बदबू आती है ।
मंत्री को कुछ भी समज में नहीं आ रहा था की ये बदबू क्यों आ रही है । वो अंदर जाकर देखता है तो उसे मरे हुए राजा की लाश दिखती है । उस लाश को कीड़े मकोड़े खा रहे थे ।
मंत्री ने दीवाल की और देखा । उसने देखा की दीवाल पर कुछ लिखा हुआ है । मंत्री ने पढ़ा दीवाल पर कुछ ऐसा लिखा था – ये सोने – चांदी की दौलत मुझे एक गिलास पानी और एक वक्त का खाना भी नहीं दे सकती है ! सच यही है की आपके अंतिम समय में आपके साथ ये कुछ भी नहीं आनेवाला है , आपके साथ सिर्फ आपके कर्म की दौलत ही जाएगी ।
आप चाहे पूरी जिंदगी कितनी भी दौलत इकठ्ठा कर ले लेकिन आपके मरने के समय वो कुछ भी काम नहीं आने वाला है । केवल आपके अच्छे कर्म ही आपके साथ जायेगे ।
Moral : जो जिंदगी हमें ऊपर वाले ने उपहार के रूप में दी है उसमे हमें अपने अच्छे कर्म करने चाहिए । लोगो की भलाई करने वाले ही काम करने चाहिए । आखिर हमारे साथ हमारे कर्म की दौलत ही आने वाली है ।
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bahut hi acchi story likhi hai aapne
Thank you.
bahut accha laga kahani padhkar