खुशिया ढूढ़ने पर मिलती है – Motivational Story In Hindi
हम में से कई सारे ऐसे लोग होते है जो की अपने पास जो होता है उसकी कदर नहीं करते है और जो नहीं होता है उसके पीछे समय बिगाड़ देते है । हमें अक्सर खुशिया ढूढ़ने पर ही मिलती है । ये कहानी ( खुशिया ढूढ़ने पर मिलती है – Motivational Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।
एक व्यक्ति ऑफिस में काम किया करता था । ऑफिस के काम के दबाव की वजह से वो व्यक्ति बहुत परेशान रहा करता था । ऑफिस में भी बॉस उसको काम पूरा न होने के कारन डाटते थे ।
ऑफिस का गुस्सा वो घर आकर अपने बीवी और बच्चो पे निकालता था । वो अपने दोस्तों के साथ भी ठीक से बाते नहीं कर पाता था ।
एक दिन वो हररोज की तरह गुस्से में ऑफिस से घर आता है । थोड़ी देर बाद उसका बच्चा उसके पास आता है और बोलता है की पापा चलो ना आप मुझे होमवर्क करने में मदद कर दो ना ।
लेकिन उसके पापा बहुत गुस्से में थे इसलिए वो हर बार की तरह इस बार भी अपने बच्चे को डाट कर भगा देते है । वो कहते है की क्या में तेरा होमवर्क करने के लिए यहाँ पर बैठा हु ?
बच्चा अपने पिता का गुस्सा देखकर अपने कमरे में चला जाता है । वो व्यक्ति फिर आराम से अकेले बैठा थोड़ी देर के लिए । थोड़ी देर के बाद जब उसका गुस्सा ठंडा हो जाता है तब उन्हें ऐसा महशुस हुआ की मुझे एक बार अंदर जाके बच्चे की मदद करनी चाहिए ।
वो बच्चे के कमरे में जाते है और देखते है की बच्चा तो सो गया है । बच्चा होमवर्क करते करते ही सो गया था क्योकि उसकी कॉपी उसके सर पर थी । पिता ने बच्चे की कॉपी को हाथ में लिया और देखा की आखिर मेरे बच्चे को क्या होमवर्क मिला था की जिसमे उसे मेरी मदद की जरुरत थी ।
पिता ने कॉपी देखि तो उन्हें पता चला की होमवर्क ये था की – “वो काम जो हमें शुरू में अच्छे नहीं लगते लेकिन बाद में हमें धीरे धीरे अच्छे लगने लगतें हैं ” । बच्चे ने इसके बारे में एक Paragraph लिखा था ।
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पिता ने पढ़ना शुरू किया । बच्चे ने लिखा था – ” Thank you so much फाइनल एग्जाम जो की शुरू में तो अच्छी नहीं लगती है पर बाद में गर्मियों की छुटियाँ आ जाती हैं इसलिए मजा आता है , Thank you so much कड़वी दवाइया जो की पहले तो अच्छी नहीं लगती पर बाद में उसकी वजह से हम ठीक हो जाते है ,Thank you so much अलार्म क्लॉक जो की सुबह तो हमें जगा देती है इसलिए अच्छा नहीं लगता लेकिन बाद में जब में समय पर स्कूल पहुंच जाता हु तब अच्छी लगती है ” ।
बच्चे ने अंत में एक और लाइन लिखी थी जो ये थी की – “Thank you so much मेरे पापा जो की पहले तो मुझे बहुत डाटते है लेकिन बाद में वो मुझे घूमने के लिए ले जातें हैं और अच्छा अच्छा खाना भी खिलाते है ” ।
ये जो आखरी लाइन थी इस लाइन ने व्यक्ति को झंझोर दिया था और उसे अंदर तक हिला दिया था । अपने बच्चे का होमवर्क पढ़ने के बाद उस व्यक्ति को ऐसा महशुस होने लगा की में मेरी लाइफ में जो कुछ भी है उसे मिस कर रहा हु ।
वो व्यक्ति अब बोलने लगा की “भगवान् आपको Thank you so much की जो आपने मुझे इतना अच्छा घर और परिवार दिया क्योकि कुछ लोगो के पास तो ये भी नहीं है” ।
हमें अपनी जिंदगी में जो कुछ भी मिला है उसमे खुशिया ढूंढ लेनी चाहिए क्योकि खुशिया ढूंढने पर ही मिलती है ।
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