मूर्ख से बहस मत करो – Short Hindi Moral Story
मुर्ख से बहस करना मतलब अपने पैरो पे कुल्हाड़ी मारना । मुर्ख लोगो से बहस करने से हमारे समय की ही बर्बादी होती है । मुर्ख लोग सच्चाई या वास्तविकता की परवाह किये बिना केवल अपने भ्रमों की जीत की परवाह ही करते रहते है । ऐसे लोग वो जो मानते है केवल वही सच है ऐसे भ्रम में होते है । हमें कभी भी ऐसे लोगो से बहस नहीं करनी चाहिए ।
ये कहानी (मूर्ख से बहस मत करो – Short Hindi Moral Story ) भी कुछ ऐसे मुर्ख से बहस करने का क्या परिणाम आता है उनके बारे में ही है ।
जंगल में एक दिन बाघ और गधे के बिच में एक बात को लेकर बहस हो गयी । बात ये थी की गधा बाघ से कह रहा था की घास नीली है और बाघ उन्हें ये समजा समजा कर थक गया था की नहीं भाई घास नीली नहीं हरी है । बहुत समझाने के बावजूद भी गधा नहीं माना वो बोल रहा था की नहीं घास तो नीली ही है ।
दोनों ने इस बहस का अंत लाने के लिए ये तय किया की हम जंगल के राजा शेर के पास जाएंगे और वो जिन्हे सही ठहराएंगे उसकी जीत होगी । आखिर दोनों जंगल के राजा शेर के पास पहुंच गए ।
शेर के पास पहुंचते ही गधा चिल्लाने लगा: “महाराज, क्या यह सच नहीं है कि घास नीली है?” , में ये बात कबसे बाघ को कह रहा हु फिर भी वो मानने के लिए तैयार नहीं है , “बाघ मुझसे असहमत है और मेरा खंडन करता है और मुझे परेशान करता है।” कृपया उसे दंड दें। बिच में बाघ बोला अब आप ही बताईये क्या ये सच नहीं है की घास हरी है ?
शेर ने दोनों की बात सुनकर एक क्षण में घोषणा दे दी की गधे की बात सच है घास नीली है और में बाघ को इसके लिए 1 साल की सजा देता हु ।
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ये सुनकर गधा ख़ुशी से उछलने लगा और अपने रास्ते ये गाता गाता चला गया की घास नीली है , घास नीली है । बाघ ने अपनी सजा तो स्वीकार कर ली लेकिन वो शेर से पूछने लगा की “महाराज, आपने मुझे दंड क्यों दिया, आखिर घास तो हरी है?”
शेर ने उत्तर दिया: “वास्तव में, घास हरी है”। बाघ ने पूछा: “अगर आप भी ये मानते हो की घास हरी है तो मुझे सजा क्यों देते हो?”
शेर ने कहा की इसका इस सवाल से कोई लेना-देना नहीं है कि घास नीली है या हरी। मेने तुम्हे सजा इसलिए दी है कि तुम्हारे जैसे बहादुर, बुद्धिमान प्राणी गधे से बहस करने लगा और अपना समय बर्बाद कर रहा था और ऊपर से आकर मुझे उस सवाल से परेशान कर रहे हो । तुम्हे सजा इसलिए ही मिली है क्योकि तुमने इतने बुद्धिमान होने के बावजूद भी गधे जैसे प्राणी से बहस की ।
Moral : मूर्ख लोगो से बहस कभी नहीं करनी चाहिए । वो लोग सच क्या है ये जाने बिना ही केवल अपनी बात को सही साबित करने में लग जाते है । ऐसे लोगो से बहस करने में हमारे समय की ही बर्बादी होती है । जब अज्ञान चिल्लाता है, तो बुद्धि चुप हो जाती है । आपके मन की शांति का अधिक मूल्य होता है ।
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