छोटी शरारत की बड़ी सीख- Motivational Story In Hindi With Moral
इस कहानी ( Motivational Story In Hindi With Moral – छोटी शरारत की बड़ी सीख ) में दो छोटे बच्चे शरारत करते है और उनकी शरारत से हमें जिंदजी में काम आने वाली एक बहुत बड़ी सीख मिलती है ।
विकास और राहुल दोनों पांचवी कक्षा में पढ़ते थे । दोनों बहुत शरारती थे । वो दोनों एक साथ ही स्कूल में पढ़ने आया – जाया करते थे । एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब विकास ने राहुल से कहा की , राहुल मेरे दिमाग में एक आईडिया आया है ।
राहुल ने उत्साह के साथ विकास को पूछा की , बताओ तुम्हे क्या आईडिया आया है ? विकास ने कहा , देखो सामने तीन बकरियां चर रही हैं । राहुल ने कहा तो इनसे क्या मतलब ?
विकास ने कहा , हम दोनों आज सबसे अंत में स्कूल से निकलेंगे और जाने से पहले इन तीनो बकरियों को पकड़ कर स्कूल में छोड़ देंगे , कल जब स्कूल खुलेगा तब सभी बकरियों को खोजने में अपना समय बर्वाद करेगे और इस तरह से हमें पढाई नहीं करनी पड़ेगी ।
राहुल ने कहा , अरे नहीं यार ऐसा कुछ भी नहीं होगा क्योकि इतनी बड़ी बकरियां खोजना कोई कठिन काम नहीं होता है , सभी मिलकर कुछ ही समय में ये तीनो बकरियों को ढूंढ लेंगे और थोड़े ही समय में सब कुछ Normal हो जायेगा ।
विकास ने कहा , अरे वे बकरियां आसानी से नहीं ढूंढ पायेंगे, बस तुम देखते जाओ मैं क्या करता हूँ । राहुल ने कहा अच्छा ठीक है , में देखता हु ।
दोनों छुट्टी के बाद भी पढ़ायी के बहाने अपने क्लास में बैठे रहते है और जब सारे लोग स्कूल में से चले गए तब ये दोनों उन तीनो बकरियों को पकड़ कर क्लास में ले आये । इसके बाद विकास ने इन तीनो बकरियों पे सफेद रंग से नंबर लिख दिए ।
विकास ने पहली बकरी पे नंबर 1 लिख दिया, दूसरी बकरी पे नंबर 2 लिखा और तीसरी बकरी पे 4 नंबर लिख दिया । तभी राहुल ने उनसे पूछा की , विकास तुमने तीसरी बकरी पे नंबर 4 क्यों लिखा ? विकास ने कहा अरे दोस्त यही तो आईडिया है मेरा ।
राहुल ने कहा अरे तुम बताओ आखिर तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है ? मुझे कुछ समज में नहीं आया । विकास ने कहा कल सभी तीसरे नंबर की बकरी ढूँढने में पूरा दिन निकाल देंगे और तीसरे नंबर की कोई बकरी है ही नहीं इसलिए वो उन लोगो को कभी मिलेगी ही नहीं ।
अगले दिन दोनों दोस्त समय से कुछ पहले ही स्कूल में पहुँच जाते है । थोड़ी देर में स्कूल के अन्दर बकरियों के होने के कारण
बहुत ज्यादा शोर मच जाता है । सभी लोग चिल्ला रहे थे । तभी किसी ने कहा की ये पहले , दुसरे और चौथे नंबर की बकरियां तो आसानी से मिल गयी लेकिन ये तीसरे नंबर की बकरी पता नहीं कहा पर है । सभी लोग उस तीसरे नंबर की बकरी को ढूढने लगते है ।
स्कूल का सारा स्टाफ उस तीसरे नंबर की बकरी को ढूढने का बहुत प्रयास करता है किन्तु किसी को भी तीसरे नंबर की बकरी नहीं मिलती है क्योकि तीसरे नंबर की कोई बकरी थी ही नहीं ।
स्कूल में सभी परेशान हो जाते है लेकिन विकास और राहुल बहुत खुश होते है । विकास ने राहुल से कहा , देखा न तुमने मेरा आईडिया काम कर गया । राहुल ने कहा , हां यार तेरा आईडिया काम कर गया ।
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इस कहानी को पढ़ने के बाद हमारे चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आना स्वाभाविक है किन्तु हमें इस कहानी से जो सन्देश मिलता है वो भी समझना ज़रूरी है । लाइफ में हम भी कई बार तीसरी बकरी को ढूंढने के चक्कर में अपना समय बर्बाद कर देते है किन्तु वो हमें मिलती ही नहीं है क्योकि वो वास्तविक में होती ही नहीं है ।
हम सभी को ऐसी लाइफ चाहिए जो Perfect हो और जिसमे कोई भी Problem ना हो , किन्तु वास्तव में ऐसी लाइफ होती ही नहीं है । सभी को ऐसा Life-partner चाहिए जो उसे पूरी तरह से समज पाए और कभी भी उनके बिच अनबन ना हो , किन्तु वास्तव में ऐसा कोई होता ही नहीं है । सभी को ऐसी Job चाहिए जिसमे सबकुछ अच्छा हो और कोई भी Tension ना हो , किन्तु वास्तव में ऐसी कोई Job होती ही नहीं है ।
Moral : हमें हर वक्त किसी भी चीज़ के लिए परेशान होने की कोई जरुआत नहीं है । ऐसा भी हो सकता है की हम जिस चीज़ के लिए परेशान हो रहे है और जिस चीज़ की तलाश कर रहे है वो चीज़ वास्तव में हो ही ना ।
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