Inspiring Short Stories

मृत्यु – Short Inspirational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

मृत्यु – Short Inspirational Story In Hindi

जिंदगी जन्म और मृत्यु के बिच का खेल है । कई बार जब हमारा कोई अपना हमें छोड़ के चला जाता है तो हम बेबस हो जाते हैं और ऐसा सोचते है की आखिर भगवान् ने ऐसा क्यों किया लेकिन जिंदगी में वही लोग आगे बढ़ते है जो मृत्यु के सत्य को स्वीकार कर लेते है । ये कहानी ( मृत्यु – Short Inspirational Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।

जयकिशन नाम का एक युवक था । वो स्वभाव का अच्छा और शांत व्यक्ति था । उसका अच्छा सा परिवार था जिसमे उसके माता – पिता, पत्नी और दो बच्चे थे । सभी से वो बेहद प्यार करता था ।

जयकिशन सभी पर दया भाव रखता था और जरूरतमंद लोगो की सेवा भी करता था । वो किसी को दुःख नहीं पोहचाता था । वो श्री कृष्ण भगवान् का भक्त था ।

एक दिन जयकिशन के पिताजी की तबियत अचानक ख़राब हो जाती है और वो उन्हें अस्पताल ले जाता है । उसने सभी डॉक्टर्स के आगे हाथ जोड़े और अपने पिता को बचाने की मिन्नते की , किन्तु डॉक्टर्स ने उससे कहा कि वो ज्यादा उम्मीद नहीं दे सकते और सभी ने उसे भगवान् पर भरोसा रखने को कहा ।

जयकिशन को तभी याद आया की मेने तो श्री कृष्णा की बड़ी लगन से सेवा की है वो जरूर मेरा सुनेगे । वो तुरंत श्री कृष्ण के मंदिर में जाता है और वहा जाके भगवान् से कहता है की आप मेरे पिता को बचा लो । तभी मंदिर में उसकी बात एक पुजारी सुन रहे थे ।

पुजारी उसे कहते है की बेटा ये तुम्हारे पिता की मृत्यु का होना ना होना भगवान् के हाथ में नहीं है अगर मृत्यु का समय होगा तो होना तय हैं । जयकिशन ये सुनते ही पुजारी से लड़ना शुरू कर देता है और वो गुस्से में उन्हें कौसने लगता है ।

वो पुजारी से कहता है की आप मेरी मदद करने के बजाय मुझे उल्टा सीधा बोल रहे हो । तभी पुजारी को लगता है की अब मुझे उसे मेरे तरीके से समझाने का समय आ गया है । पुजारी जयकिशन से कहता है की में तुम्हारी मदद कर सकता हु लेकिन तुम्हे उसके लिए एक काम करना पड़ेगा । क्या तुम एक कार्य करने के लिए तैयार हो ?

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जयकिशन को किसी भी हालत में उसके पिता को बचाना था इसलिए वो पुजारी से कहता है की में कुछ भी करने के लिए तैयार हु । पुजारी उसे कहते है की तुम्हे ये कार्य करना है – किसी एक घर से मुट्ठी भर ज्वार लानी है और ध्यान रखना होगा कि उस परिवार में कभी किसी की मृत्यु न हुई हो । अगर तुमने ये कार्य पूर्ण कर दिया तो समजो तुम्हारे पिता बच गए ।

जयकिशन बिना कुछ देखे – समजे तलाश में निकल पड़ा । उसने कई दरवाजे खटखटायें । लोगो के घर में ज्वार तो थी लेकिन ऐसा कोई घर नहीं था जिनके परिवार में किसी की मृत्यु ना हुई हो । किसी के दादा , किसी के पिता , किसा का भाई तो किसी भी बहन तो किसी की माँ का मृत्यु हो गया था । पूरा दिन भटकने के बाद भी जयकिशन को ऐसा एक भी घर नहीं मिला जिसके घर में किसी की मृत्यु ना हुई हो ।

आखिर वो थकते हुए पुजारी के पास आया और उसे इस बात का अहसास हुआ कि मृत्यु एक अटल सत्य हैं और इसका सामना सभी को करना होता हैं । मृत्यु से कोई भाग नहीं सकता है । वो अपने व्यवहार के लिए पुजारी से क्षमा मांगता हैं और निर्णय लेता हैं जब तक उसके पिता जीवित हैं वो उनकी सेवा करेगा ।

कुछ दिनों के बाद जयकिशन के पिताजी की मृत्यु हो जाती है और वो स्वर्ग में चले जाते है । जयकिशन को इस बात का दुःख होता हैं लेकिन पुजारी की उस दिन की सीख के कारण उसका मन शांत रहता हैं ।

जयकिशन की तरह हम सभी को इस सच को स्वीकार करना चाहिये कि मृत्यु एक अटल सत्य हैं उसे नकारना मुर्खता हैं । दुःख तो सभी को होता हैं लेकिन उसमे फँस जाना गलत हैं , ऐसे सच को स्वीकार कर आगे बढ़ना ही जीवन हैं ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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