हमें पैसो की किमत क्यों करनी चाहिए ?
रोहन नाम का एक २० साल का लड़का था । वो अपने परिवार के साथ गांव में रहता था । उसके पिता मजदुर थे । वे पूरा दिन मजदूरी करते थे और इस तरह से उनके घर का गुजरा चलता था ।
रोहन पिता की ये हालत जानते हुए भी कुछ नहीं कमाता था और पूरा दिन अपने दोस्तों के साथ बिगाड़ता था । वो कमाने की बजाये अपने पिता के पैसे लेकर फिजूलखर्च करता रहता था । रोहन को अपने पिता के पैसो की किमत बिलकुल भी नहीं थी ।
एक दिन पिता ने बेटे को बुलाया और कहा की तुम्हे भी अब हमारे घर की जिम्मेदारियों के बारे में सोचना चाहिए और ये फिजूलखर्च करने की बजाये थोड़े पैसे कमाके घर में देने चाहिए । बेटे ने बोला इसमें कोनसी बड़ी बात है ये तो बहुत ही आसान है । ये सुनते ही पिता ने बोला की कल से तुम्हे मुझे हररोज १०० रूपये कमाकर देने होंगे । रोहन ने कहा अच्छा ठीक है ।
दूसरे दिन रोहन ने अपनी दादी से १०० रूपये लिए ताकि वो पिता को दे सके । पिता ने रात को रोहन को बुलाया और पैसे मांगे ।रोहन ने वो १०० रूपये दिए । पिता ने रूपये देखकर बोला जाओ ये १०० रूपये कुवे में जाकर फेंक दो और रोहन ने भी ऐसा ही किया वो १०० रूपये कुवे में फेंक दिए ।
अगले दिन रोहन ने १०० रूपये अपनी माँ से लिए फिर इसी तरह पिता को दिए । इसबार पिता ने कहा ये १०० रूपये बहार जाओ और कुवे मैं फेंक दो । रोहन ने इसबार भी ये रूपये कुवे में फेंक दिए ।
कुछ समय ऐसा चलता रहा । रोहन अपने दोस्तों और रिस्तेदारो से १०० रूपये मांगता था और अपने पिता को देता था और उसके पिता हररोज वो रूपये कुवे में फेंक दो वैसा ही बोलते थे । रोहन भी हररोज इस १०० रूपये को कुवे में फेंक देता था ।
एक दिन ऐसा हुआ की रोहन को अब ये समज में नहीं आ रहा था की वो किनसे १०० रूपये मांगे । क्योकि उसने अपने सारे रिस्तेदारो से पैसे कोई न कोई बहाना बना के मांग लिए थे । अब उसके पास कोई बहाना भी नहीं था । फिर उसने सोचा की आज ऐसा करता हु में खुद काम करके १०० रूपये कमाता हु ।
रोहन ने काम ढूढ़ना शुरू किया पर एक दिन में कोन काम देता है ? वो बहुत चिंतित हो गया फिर कुछ देर बाद उसे एक जगह पर काफी मुश्किल से मजदूरी का काम मिला ।
रोहन ने वो काम पूरी मेहनत से किया और करीब २ घंटे काम करने के बाद रोहन को इस काम के १०० रूपये मिले । रोहन ने पहले कभी ऐसा काम किया नहीं था उस बजह से वो बहुत थक गया था । उसको पता भी नहीं था की रूपये कमाने के लिए इतनी मेहनत करनी पड़ती है ।
हररोज की तरह इस रात को भी पिता ने अपने बेटे को बुलाया और फिर पैसे मांगे । जब रोहन ने पैसे दिए तो पिता ने कहा की जाओ इस पैसे को बहार जा कर कुवे में फेंक दो । इसबार ये सुनते ही रोहन बहुत चिल्लाया और कहा ऐसे कैसे में इन रुपयों को कुवे में फेंक दू मेने ये पैसे बहुत मेहनत करके जमा किये है ।
इस वक्त रोहन बहुत ही गुस्से मैं था । ये सुनते ही पिता ने मुस्कुराते हुए बोला में तुम्हे बेटे यही सिखाना चाहता था । आज तक तू १०० रूपये बड़ी ही आसानी से कुवे में फेंक देता था क्योकि वो तुम्हारी मेहनत के पैसे नहीं थे ।
अब तक तुम मेरे कमाए हुए पैसो से फिजूलखर्च करते थे तभी मुझे भी ऐसा ही गुस्सा आता था । ये सब होने से रोहन को पैसो की किमत होने लगी और वो भी अपने पिता को घर में पैसे कमाके मदद करने लगा ।
हम अपने parents का पैसा बहुत ही आसानी से उड़ाते है पर जब हमें अपनी मेहनत की कमाई से फिजूलखर्च करना होता है तब हम नहीं करते है । हमें पैसो की किमत अपनी खुद की कमाई होने पर ही होती है ।
ખૂબજ સુંદર