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बंदर और लालची बिल्ली – Panchtantra Hindi Story

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Written by Abhishri vithalani

बंदर और लालची बिल्ली – Panchtantra Hindi Story

जब दो लोगो की लड़ाई होती है तब उससे तीसरे को फायदा होता है । आप सभी ने ये बात अपनी वास्तविक जिंदगी में कई बार देखी होगी । ये कहानी (बंदर और लालची बिल्ली – Panchtantra Hindi Story) भी उसी के बारे में है ।

एक जंगल था , जहा पर सभी जानवर मिलजुल कर रहा करते थे । सभी जानवर जंगल के नियमो का अच्छे से पालन करते थे और सभी त्योहार भी साथ में मिलजुल कर मनाते थे ।

उन सभी जानवरो में कुकी और रूपी नाम की दो बिल्लियां भी थीं । कुकी और रूपी दोनों के बिच में काफी अच्छी दोस्ती थी । वो दोनों सहेलियां एक – दूसरे का साथ कभीभी नहीं छोड़ती थी । दोनों खाना – पीना घूमना – फिरना सब कुछ साथ में ही करते थे ।

जंगल में रहने वाले सारे जानवर उन दोनों की दोस्ती की तारीफ किया करते थे । दोनों एक – दूसरे का अच्छे से ख्याल रखती थी ।

एक दिन कुकी को किसी काम से बाहर बाजार में जाना पड़ा । वैसे तो हर बार रूपी उसके साथ ही होती थी पर इसबार रूपी किसी कारण से कुकी के साथ बाजार में नहीं जा पायी थी । कुकी को बाजार गए हुए काफी देर लग गयी पर वो अभी भी वापिस नहीं आयी थी ।

दूसरी तरफ रूपी का मन कुकी के बिना लग नहीं रहा था । उसने सोचा क्यों न में भी बाजार चली जाती हु । रूपी भी बाजार चलने के लिए निकल पड़ी । रास्ते में उसे रोटी का एक टुकड़ा मिलता है । रोटी के टुकड़े को देखकर रूपी के मन में अकेले रोटी खाने की लालच आ जाती है । वो रोटी का टुकड़ा लेकर घर आ जाती है ।

घर पहुंचकर जैसे ही वो रोटी खाने ही वाली थी की तभी कुकी आ जाती है । रूपी के हाथ में रोटी का टुकड़ा देखकर वो उससे कहती है की , रूपी हम तो हर बार सब कुछ बांटकर ही खाते है तो फिर इस बार तुम क्यों अकेले रोटी खा रही हो ? क्या तुम मुझे रोटी नहीं दोगी ?

रूपी ने कुकी को देखा तो वो पहले तो डर गयी फिर उससे बोला की अरे नहीं बहन मैं तो रोटी को आधा-आधा कर रही थी, ताकि हम दोनों को बराबर रोटी मिल पाए ।

कुकी सब कुछ समज गयी और उसके मन में भी लालच आ गयी , किन्तु तभी वो कुछ नहीं बोली । जैसे ही रूपी ने रोटी के दो टुकड़े किये की कुकी चिल्लाने लगी की मेरे हिस्से में कम रोटी आई है ।

वास्तव में बात ये थी की रोटी रूपी को मिली थी इसलिए वो उसे कम देना चाहती थी । रूपी बोली अरे कहा मेने रोटी तुजे भी बराबर ही दी है । इस बात को लेकर कुकी और रूपी में झगड़ा हो गया और धीरे-धीरे यह बात पुरे जंगल में फैल जाती है ।

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जंगल के सभी जानवर इन दोनों सहेलियो को लड़ते हुए देख रहे थे । तभी वहा पर एक बंदर आता है और वो दोनों से कहता है की में दोनों के बीच में बराबर रोटी बांट दूंगा । जंगल के बाकि सभी जानवर भी बंदर की बात मान गए और उन सभी ने ये काम बंदर को दे दिया ।

बंदर कही से तराजू लेकर आता है और दोनों ओर रोटी के टुकड़े रख देता है । जिस तरफ वजन ज्यादा होता है वो बंदर उस तरफ की थोड़ी-सी रोटी यह बोलकर खा लेता है कि इस रोटी को दूसरी तरफ रखी रोटी के वजन के बराबर कर रहा हूं । और ऐसे ही वो जानबूझकर हर बार ज्यादा रोटी का टुकड़ा खा लेता है जिससे दूसरी तरफ की रोटी वजन में ज्यादा हो जाती ।

अंत में ऐसा करने से दोनों ओर रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े बचे थे । कुकी और रूपी ने जब इतनी कम रोटी देखी तो बोलने लगीं कि हमारी रोटी के टुकड़े वापस दे दो, हम दोनों बची हुई रोटी को आपस में बाँट लेंगे ।

तब बंदर ने कहा की तुम दोनों सहेलिया तो बहुत ज्यादा चालाक हो । मुझे मेरी मेहनत का फल भी नहीं मिलेगा क्या ? ऐसा बाेलकर बंदर दोनों पलड़ों में बची हुई रोटी के टुकड़ों को खाकर चला जाता है और दोनों बिल्लियां एक दूसरे का मुंह तांकती रह जाती है ।

Moral : हमें हमारे पास जो होता है उसी में संतोष रखना चाहिए और लालच नहीं करनी चाहिए और किसी से लड़ाई नहीं करनी चाहिए । क्योकि जब भी दो लोगो की लड़ाई होती है तब उसमें से तीसरा अपना फायदा उठा कर इस बंदर की तरह चला जाता है ।

अगर आपको हमारी Story ( बंदर और लालची बिल्ली – Panchtantra Hindi Story ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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