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कबूतर और चींटी – Panchtantra Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

कबूतर और चींटी – Panchtantra Moral Story In Hindi

ये कहानी (कबूतर और चींटी – Panchtantra Moral Story In Hindi) है एक चींटी और कबूतर की । अगर हम बिना किसी स्वार्थ के किसी की मदद करते है तो हमें कभी न कभी उस काम का अच्छा परिणाम जरूर मिलता ही है ।

एक थी चींटी । उसे बहुत प्यास लगी थी । वह पानी की तलाश में यहाँ वहा भटक रही थी । गर्मियों का मौसम था उसलिए पानी न मिलने पर उसकी हालत धीरे – धीरे और भी ख़राब हो रही थी ।

कुछ समय तक पानी की तलाश के बाद आखिर उसे एक नदी मिल ही गयी । वो नदी पूरी पानी से भरी थी लेकिन चींटी उस नदी में सीधे जा नहीं सकती थी ।

वहा पर एक पत्थर पड़ा था । चींटी ने सोचा की वो उस पत्थर पे चढ़ कर पानी में जाएगी । वो पत्थर पे चढ़कर वहीं से झुककर नदी का पानी पीने की कोशिश करने लगती है । पर ये क्या ? जैसे ही वो पानी पीने के लिए नीचे की तरफ झुकी वो तो पानी में गिर गयी । बिचारि चींटी , एक तो उसे बड़ी मुश्किल से पानी मिला था और वो नदी में गिर गयी ।

उसी नदी के किनारे पेड़ पर बैठा कबूतर ये सब देख रहा था । ये सब देखकर उसे चींटी पर तरस आता है । उस कबूतर ने तुरंत चींटी को बचाने के लिए एक योजना बनाई । कबूतर ने तुरंत पेड़ की डाली से एक पत्ता तोड़कर नदी के पानी में चींटी के पास फेंक दिया ।

पत्ता देखकर चींटी बहुत ज्यादा खुश हो जाती है और वो उस पत्ते पर चढ़कर बैठ जाती है । जब वह पत्ता नदी के किनारे पहुँचता है , तब वह पत्ते से कूदकर जमीन पर आ जाती है । चींटी ने कबूतर से अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद कहा और वो वहा से निकल जाती है ।

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कुछ दिनों के बाद उसी नदी के किनारे एक शिकारी कबूतर का शिकार करने के लिए आता है । वो शिकारी कबूतर के घोंसले के पास ही उसका शिकार करने के लिए जाल बिछा देता है ।

वो शिकारी जाल पर कबूतर के खाने के लिए कुछ दाने फैलाकर वही पास में एक झाड़ी में छिपकर बैठ जाता है । कबूतर को शिकारी के इस जाल के बारे में कुछ भी पता नहीं था । वो तो दाने देखते ही उसे खाने के लिए जमींन पर निचे उतर जाता है । जैसे ही वो दाने खाने लगता है की उस शिकारी के जाल में फंस जाता है ।

उसी दौरान वो चींटी भी वहा पर आ जाती है । उसने ऐसे कबूतर को शिकारी के जाल में फंसता हुआ देख लिया । बिचारा कबूतर काफी कोशिशो के बावजूद भी शिकारी के जाल में से निकल नहीं पा रहा था ।

शिकारी आकर उस कबूतर को उठाकर चलने लगता है । उसी वक्त चींटी ने उस कबूतर की जान बचाने का फैसला लिया । चींटी उसी वक्त पर आकर शिकारी के पैर पर काटने लगती है । चींटी के काटने के कारण शिकारी को बहुत तेज दर्द होने लगा और वो कबूतर के जाल को अपने हाथ में से नीचे फेंक देता है ।

उस मौके का फायदा उठाते हुए कबूतर जाल से निकल जाता है और उड़ जाता है । इस तरह चींटी कबूतर की जान बचाती है ।

Moral: अगर हम किसी का अच्छा करते है तो हमें कभी न कभी उसका अच्छा परिणाम मिलता ही है । इसलिए हमें बिना किसी स्वार्थ के दुसरो की मदद करनी चाहिए ।

अगर आपको हमारी Story ( कबूतर और चींटी – Panchtantra Moral Story In Hindi ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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